Hindi Sex stories | usb-tut.ru //usb-tut.ru usb-tut.ru Thu, 09 Dec 2021 07:25:34 +0000 en-US hourly 1 /> //usb-tut.ru/hotsouthindiansex/wp-content/uploads/2019/08/cropped-fhss-32x32.png Hindi Sex stories | usb-tut.ru //usb-tut.ru 32 32 भाभी को उसी के घर में चोदा | usb-tut.ru //usb-tut.ru/hotsouthindiansex/bhabi-ki-choda-ghar-pe/ Thu, 09 Dec 2021 07:25:34 +0000 //usb-tut.ru/hotsouthindiansex/?p=1422 मैं भाभी को पलंग पर लेटा कर अपने लंड को उनकी चूत पर डालता हूँ और चोदने लगता हूँ | भाभी को बहुत मजा आ रहा था | वो आःह आह्ह आह्ह्ह  करते जा रही थी और मैं भाभी को उनकी टांग उठा उठा कर चोद रहा था...

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Bhabi ko ghar pe choda – हैल्लो दोस्तों, आज मैं आप लोगो को अपनी लाइफ कि एक बहुत अच्छी स्टोरी बताने जा रहा हूँ | आप सभी को मेरी यह स्टोरी पढ़कर बहुत मजा आयगा | दोस्तों अब में अपनी स्टोरी पर आता हूँ |
दोस्तों में कटंगी का रहने वाला हूँ | मेरा नाम महेन्द्र असाटी है और मेरी उम्र 26 साल है, और लम्बाई 5 फुट 6 इंच है | मैं भोपाल पर एक छोटी सी प्राइवेट जॉब करता हूँ | मेरा पूरा परिवार कटंगी में ही रहता है मेरे परिवार में मेरे भाई बहन, मम्मी पापा और दादा दादी है |

दोस्तों जब में 18 साल का था तो मेरे घर के सामने वाले घर में एक भैया और भाभी किराये से रहते थे | वो लोग कटनी के रहने वाले थे और वो लोग हम लोग से अच्छे से बात करते थे | हम लोगो के व्यव्हार घर जेसे हो गये थे | भैया की नौकरी यही कटंगी में लगी हुई थी इसलिए वो यही किराये से रहते थे | भैया से मेरी बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी | उनका नाम अमित था और भाभी का नाम सोनिया था और भाभी बहुत सुंदर थी, देखने में मस्त माल दिखती थी उनके दूध बहुत बड़े बड़े थे | वो मुझे बहुत अच्छी लगती थी और जब भी मैं अमित भैया के साथ उनके घर जाया करता था तो में हमेशा सोनिया भाभी को लाइन मारा करता था और देखता रहता था | सोनिया भाभी मुझसे बहुत अच्छे से बात करती थी | सोनिया भाभी अमित भैया के सामने भी खुल कर मुझसे बात करती थी | मैंने तो सोच ही लिया था कि सोनिया भाभी को किसी भी हालत में पटाना है और सोनिया भाभी को चोदना है |

अमित भैया रोज सुबह जल्दी नौकरी में चले जाते थे और शाम को घर आते थे | मैं रोज सोनिया भाभी को लाइन मारा करता था | सोनिया भाभी रोज शाम को छत पर आती थी और मैं भी अपने छत पर जाकर उनको लाइन मारा करता था | मैं जब उनको लाइन मारा करता था तो वो मुझे देखकर बहुत मुस्कुरयता करती थी|….. सोनिया भाभी मेरे घर आती रहती थी मम्मी के पास और हमेशा साड़ी पहन कर आया करती थी | वो साड़ी में बहुत मस्त लगती थी उनके ब्लाउज के ऊपर से उनके बड़े बड़े दुध दिखते रहते थे और उस समय सोनिया भाभी के दूध को देख कर मेरा लंड हमेशा खड़ा हो जाता था  और सोनिया भाभी को चोदने का बहुत मन करता था |

मैं सोनिया भाभी से बहुत ही ज्यादा मजाक करता था | वो कभी बुरा नहीं मानती थी और फिर उसके बाद सोनिया भाभी का एक दिन मोबाइल खराब हो गया था | तो अमित भैया ने मुझे सोनिया भाभी का मोबाइल बनवाने के लिए कहा | उन्हें कुछ भी घर का काम होता था  तो वो मुझसे बोल देते थे क्योकि वो दिन में अपनी नौकरी पर चले जाते थे | ……फिर उसके बाद में सोनिया भाभी के पास मोबाइल बनवाने के लिए मोबाइल लेने गया और जब में उनके घर गया तो सोनिया भाभी ने मेक्सी पहनी हुई थी वो घर पर अधिकतर मैक्सी ही पहनी रहती थी | और उनकी मैक्सी के उपर से दूध दिख रहे थे मेरी नजर उनके दूध में ही थी और लग रहा था कि भाभी को अभी पलंग पर लेटा कर चोद डालू वो मुझे देख कर बहुत मुस्कुरा रही थी …..

फिर उसके बाद मैंने भाभी से मोबाइल माँगा फिर उन्होंने मुझे मोबाइल लाकर दिया और जब मैंने भाभी से पूछा कि भाभी क्या हो गया आपके मोबाइल को तो सोनिया भाभी मेरे पास आकर मेरे बाजू में मुझसे चिपक कर बैठ गई और बताने लगी कि ये मोबाइल अपने आप बंद हो गया है चालू ही नहीं हो रहा | वो मुझे देख कर स्माइल कर रही थी और में भी उनको लाइन मार रहा था | ……उस समय मुझे ऐसा लग रहा था कि भाभी मुझसे पटने वाली है अब ….. फिर उसके बाद भी स्माइल करते हुए मैंने सोनिया भाभी से कहा ठीक है भाभी मैं आपका मोबाइल अभी बनवा कर लाता हूँ | फिर वो भी मुझसे मुस्कुरा कर बोली ठीक है जल्दी जाओ और मोबाइल बनवा कर लाओ | फिर उसके बाद मैं मोबाइल बनवाने चला जाता हूँ |…..और फिर जब मैं दो या तीन घंटे बाद जब मोबाइल बन जाता है तो मैंने मोबाइल लेकर भाभी को देने के लिये जाता हूँ |

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फिर जब मैं भाभी को मोबाइल देता हूँ तो वो स्माइल करने  लगती है और मुझसे कहती है कि इतने जल्दी तुमने मुझे मोबाइल बनवा कर लाके दे दिया |….. फिर उसके बाद वो मुझे बैठने के लिए बोलती है और मुझे बेठा कर कर मेरे लिए चाय बना कर लाती है…..और फिर से आकर मेरे बाजू में बेठ गई और मुझसे बाते करने लगी ……..उस समय तो मेरा लंड खड़ा हो गया था  और बिलकुल सब्र नहीं हो रहा था बस भाभी को चोदने का मन कर रहा था |……फिर उसके बाद भाभी मुझे मुस्कुरा कर मुझसे पूछने लगी कि महेन्द्र तुम मुझे इतना लाइन क्यों ,मारते हो बताओ ……यह बात सुनकर तो मुझे पूरा यकीन हो गया था कि भाभी मुझसे पटने वाली है और फिर तो मैंने सोच ही लिया था कि आज भाभी को किसी भी तरीके से पटा लूँगा …… फिर मैं भी भाभी से सीधे मुस्कुराते हुए कह देता हूँ  कि में आपको इसलिए लाइन मारता हूँ कि आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो |

यह बात जब में भाभी से कहता हूँ तो यह बात सुनकर बिलकुल भी गुस्सा नहीं होती है और भाभी मुझसे और चिपक कर बेठ जाती है उसके बाद मुझे भी भाभी कि हरकतों को देख कर ऐसा लग रहा था कि भाभी भी मुझसे चुदना चाहती है | उस समय भाभी मेक्सी पर ही रहती है और उनके पूरे दूध दिखते रहते है  ……उसके बाद मुझसे बिलुकुल भी सब्र नहीं होता है……. और मैं भाभी के दूध  को दबाने लगता हूँ  और जेसे ही में उनके दूध को दबाता हूँ तो भाभी जोर जोर से हसने लगती है | और मुझसे कहने लगती है कि कि तुम क्या कर रहे हो | और फिर उसके बाद में सीधे सोनिया भाभी से कह देता हूँ  कि भाभी मुझे आपको चोदने का मन कर रहा है  और में आपको चोदना चाहता हूँ | यह बात सुनकर भाभी सीधे अपनी मैक्सी की पूरी चेन खोल देती है उनके पूरे दूध दिखने लगते है |

में तुरंत उनके दूध को पीने लगता हूँ और सोनिया भाभी मेरे जीन्स के पेन्ट के अंदर हाथ डाल कर मेरे लंड को अपने हाथो से पकड़कर हिलाने लगती है और में उनके दूध को पी रहा था | उनके दुध बहुत ही मस्त थे और इतने गोरे थे कि मैं उनके दूध को पिए जा रहा था और उनके दूध पीने में बहुत मजा आ रहा था | भाभी मेरे लंड को अपने हाथो से हिलाय जा रही थी फिर उसके बाद मैं भाभी कि मैक्सी उतार देता हूँ उनको पूरा नंगा कर देता हूँ और भाभी  मेरी टी-शर्ट उतार देती है  और जीन्स भी उतार देती है  और मेरे लंड को अपने हाथो से पकड़कर अपनी चूत पर डालने लगती है |

फिर उसके बाद मैं भाभी को पलंग पर लेटा कर अपने लंड को उनकी चूत पर डालता हूँ और चोदने लगता हूँ | भाभी को बहुत मजा आ रहा था | वो आःह आह्ह आह्ह्ह  करते जा रही थी और मैं भाभी को उनकी टांग उठा उठा कर चोद रहा था | भाभी मुझसे बहुत प्यार से चुद रही थी | मुझे और भाभी को उस समय बहुत मजा आ रहा था लेकिन चोदते चोदते बहुत टाइम हो जाता है और भैया का घर आने का समय हो जाता है | फिर उसके बाद भाभी मुझसे बहुत खुश हो जाती है और मेरा मोबाइल नंबर मुझसे ले लेती है  और फिर भैया के घर आने से पहले मैं अपने घर चला जाता हूँ और फिर उसके बाद मैं और सोनिया भाभी भाभी फ़ोन पर बात करते रहते थे और हमेशा जब भी अमित भैया काम पर चले जाते थे तो भाभी मुझे  फ़ोन लगाकर अपने घर बुलाया करती थी और चुदा करती थी ..

और में भी हर दम उनके घर जाकर चोदता था | फिर उसके बाद जब  एक दिन मैं भाभी को जब चोदे रहा था तो पता चला कि भाभी प्रेगनेन्ट हो गई है | भाभी बहुत डर जाती है कि कही भैया को पता न चल जाय …..फिर मैं भाभी को किसी भी तरीके से डॉक्टर के पास लेकर जाता हूँ और उनका बच्चा गिरवा देता हूँ फिर उसके बाद सब कुछ ठीक हो जाता है  और फिर भाभी खुश हो जाती है | और फिर भी उसके बाद जब भी जब मेरा मन उनको चोदने  का करता था तो भाभी हमेशा मुझसे चुदने के लिए तैयार रहती थी |  पर फिर एक दिन मुझे भाभी  ने मुझे बताया कि अमित भैया का ट्रान्सफर हो रहा है तो ये खबर सुन कर मैं बहुत दुखी हो जाता हूँ और एक लास्ट बार भाभी को चोदने के लिए जाता हूँ तो भाभी मुझे मना कर देती हैं पर अभी भी मैं भाभी के नाम की मुठ मरता हूँ |

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घर की चुदाई आखिर बाहर के लंड से बेहतर है | usb-tut.ru //usb-tut.ru/hotsouthindiansex/ghar-me-chudai/ Thu, 09 Dec 2021 07:22:26 +0000 //usb-tut.ru/hotsouthindiansex/?p=1423 मम्मी ने कहा तू चिंता मत कर अब तुझे चूत भी मिलेगी और मुझे लंड भी मिलेगा | जब घर में ही लंड और चूत है तो बाहर चुदाई करने का क्या मतलब और इतना बोल के मैं और मम्मी एक दूसरे को किस करने लगे थे...

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Ghar me Chudai sex story – हाय फ्रेंड्स, मेरा नाम सतीश है, और मैं झारखंड रांची से हूँ | मेरी उम्र 19 साल है और मैं अभी कॉलेज की पढाई करता हूँ  | मेरी हाईट 5 फुट 7 इंच है | मेरे घर में सिर्फ मैं और मम्मी ही है और मम्मी जॉबलेस हैं | पापा की डेथ बहुत पहले चुकी थी तब मैं 5 साल का था | मम्मी ज्यादा पढी लिखी नही है और ये मेरी सौतेली मम्मी है क्यूंकि मेरे पापा ने दूसरी शादी किये थे | दोस्तों ये मेर पहली कहानी है जो मैं आप के सामने रख रहा हूँ | अगर मुझसे कुछ गलती होती है तो मुझे माफ़ करना |

अब मैं कहानी शुरू करता हूँ |

ये घटना देड साल पहले की जब मैं 12 वी कक्षा का बोर्ड एग्जाम दे चुका था और रिजल्ट आने का इंतज़ार करने लगा था | मैं शुरू से ही बिगड़ा लड़का था क्यूंकि मैं जहाँ पढता था वहाँ के बच्चे गुटका खाना सिगरेट पीना अन्य गंदे शौख रखते थे | पर मुझे इन सब चीज़ में कोई भी रूचि नहीं थी पर हाँ रूचि थी मुझे तो सिर्फ ब्लू फिल्म देखने में | मैं बहुत सारी ब्लू फिल्म्स देखता था और उन्हें देख कर मैं मुठ भी मारा करता था | मुझे सिर्फ चुदाई देखना पसंद था क्यूंकि मैंने कभी चुदाई नहीं की थी और मुझे नहीं पता था कि चुदाई कैसे करते है ?

एक दिन की बात है दोस्तों, मैं घर से बाहर रात में अपने दोस्तों के साथ एक पार्टी में गया था और वहाँ से आ कर बहुत थक गया था | जब मैं घर में घुस ही रहा था तो देखा कि घर के बाहर एक गाड़ी खड़ी हुई है मुझे वो गाड़ी जाने पहचानी सी लग रही थी पर मैं ठीक से याद नहीं कर पा रहा था | मैं पीछे से खिड़की के पास गया और वहाँ से देखने कि कोशिश करने लगा की आंखिर इतनी रात में कौन मेरे घर आया होगा | तो जैसे ही मैंने देखा की मम्मी और वो अंकल ( मेरे पापा के बहुत जिगरी दोस्त हुआ करते थे जिनका नाम राजू बड़े था ) वो नंगे हैं और उनकी गांड मुझे दिखाई दे रही थी |

मैं समझ नहीं पा रहा था कि अन्दर माजरा क्या चल रहा है | मुझे हलकी हलकी अहहहाआआ अहहहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह उऊंन्ह्ह अहहाआअ ऊमम्म्म अहहाआआ अहहाआआ हहहहाआ हहाआआआ आआअह्ह्हाअ उऊंन्ह्ह ऊउम्मम्म ऊउन्न्ह अहहहहहाआ अहहहाआ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म अह्हाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्ह अहहहाआअ करने की आवाजे सुने दे रही थी | ये आवाज़ किसी और की नहीं बल्कि मेरी मम्मी की आवाज थी जो उनके चुदवाने से आ रही थी | ये देख कर मैं दंग रह गया कि साला मेरी मम्मी ऐसा कैसे कर सकती हैं | मैं उनके जाने का इंतजार करने लगा 20 मिनट तक मैं उनकी चुदाई देखता रहा | जैसे ही वो अंकल घर से निकले मैं तुरंत सामने चला गया था |

Chudai story दारु के चक्कर में मिली चूत और बढ़ा कारोबार

अंकल की गांड फट गई थी मुझे देख कर और वो तुरंत अपनी बाइक उठाये और जल्दी से चले गये मम्मी डर रही थी मुझसे तो वो भी अन्दर चली गई थी अपने रूम में | फिर मैं अन्दर गया घर के और दरवाजा लॉक किया और मम्मी के रूम की तरफ गया और दरवाजा खटखटाया तो मम्मी का कोई भी जवाब नहीं मिला मुझे | तो मैंने मम्मी से कहा कि मम्मी बाहर आइये मुझे आपसे कुछ बात करनी है 5 मिनट के बाद मम्मी बाहर आई रोते हुए | तो मैंने मम्मी से पूछा कि मम्मी क्या था ये सब ? आप उन अंकल से क्यूँ चुदाई करवा रहे थे |

तब मम्मी रोते हुए बोली बेटा मैं क्या करती मैं मजबूर हो चुकी थी | जब तेरे पापा गुजर गये थे तब इन्होने ही मुझे सहारा दिया था तुझे तो पता ही होगा कि पेंशन को  चालु होने में 6 महीने लगते है तब इन्होने ही हमारा खर्च उठाया था 6 महिने | मेरा इनके साथ ऐसा कुछ नही था पहले पर मैं भी आंखिर कब तक अपनी अनातार्वसना को रोक पाती | जब तू 10 साल का था तब से मैं इनके साथ सेक्स कर रही हूँ | बेटा मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई है मैं तुझसे माफ़ी मांगती हूँ मुझे माफ़ कर दे बेटा | फिर मैंने मम्मी को कुछ नहीं कहा और साफ साफ बोल दिया था कि अब ये सब हरकत दोबारा नही होना चाहिए | फिर मम्मी हाँ बोल के अपने रूम में चली गई थी रोते हुए |

मैं अगली सुबह लेटा हुआ था अपने कमरे में तो सुबह मम्मी मेरे रूम में आई | और मेरी हमेशा से आदत थी मैं कभी अपने रूम का दरवाजा बंद करके नहीं सोता था | मम्मी मेरे रूम में आई और मेरे बगल में बैठ गई थी और मेरे सिर पर हाँथ फेरने लगी थी | पर मैं मम्मी से नराज़ था इसलिए मैं चुपचाप सोने का नाटक करने लगा | फिर मम्मी उठ के जाने लगी और फिर तुरतं पलट कर देखी कि मेरा लोअर उठा हुआ था | तो मम्मी फिर मेरे बगल में बैठ गयी और लोअर उतारने लगी | मैंने कुछ नही बोला बस देखना चाहता था कि अब ये करती क्या है ? फिर धीरे धीरे मेरे लोअर को घुटने तक उतार लिया और फिर चड्डी | जैसे ही चड्डी उन्होंने उतारी तो मेरा सांप जैसा फनफनाता हुआ लम्बा लंड उनके सामने तन के खड़ा हो गया था | तो वो उसे पकड़ के ऊपर नीचे करने लगी, मुझे अच्छा लगने लगा था अपर मैं देखना चाहता था कि ये और क्या क्या करती हैं मेरे लंड के साथ | फिर 5 मिनट तक वो मेरे लंड को ऊपर नीचे करती रही फिर उन्होंने मेरे लंड के टोपे को खींचा और अपनी जीभ से उसपे फेरने लगी |

मुझे बहुत अच्छा लग रहा था उनका ऐसा करना फिर वो मेरे लंड के टोपे के ऊपर जीभ से गोल गोल घुमाने लगी अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था तो मैं उठ गया और उनसे कहा कि मम्मी आप ये क्या कर रहे हो ? तो उन्होंने कहा मुझे माफ़ कर दे बेटा गलती हो गई तो फिर मैंने कहा करते रहिये अच्छा लग रहा है | तो वो फिर से मेरे लंड को चाटने लगी और मैं अहहहाआआ अहहहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह उऊंन्ह्ह अहहाआअ ऊमम्म्म अहहाआआ अहहाआआ हहहहाआ हहाआआआ आआअह्ह्हाअ उऊंन्ह्ह ऊउम्मम्म ऊउन्न्ह अहहहहहाआ अहहहाआ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म अह्हाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्ह अहहहाआअ करने लगा था |

वो बहुत अच्छे से मेरे लंड को चूस और चाट रही थी और मैं अहहहाआआ अहहहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह उऊंन्ह्ह अहहाआअ ऊमम्म्म अहहाआआ अहहाआआ हहहहाआ हहाआआआ आआअह्ह्हाअ उऊंन्ह्ह ऊउम्मम्म ऊउन्न्ह अहहहहहाआ अहहहाआ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म अह्हाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्ह अहहहाआअ कर रहा था | 10 मिनट मेरा लंड चूसने के बाद मेरा माल उनके हाँथ में गिर गया था फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तेरा माल तो बहुत गाढ़ा है और तेरा लंड भी बहुत लम्बा और मोटा है | तो फिर मैंने कहा कि क्या फायदा ऐसे लंड का जब मुझे चूत नही मिली कभी चुदाई के लिए और मैं बस मुठ ही मार के रह जाता था |

फिर मम्मी ने कहा तू चिंता मत कर अब तुझे चूत भी मिलेगी और मुझे लंड भी मिलेगा | जब घर में ही लंड और चूत है तो बाहर चुदाई करने का क्या मतलब और इतना बोल के मैं और मम्मी एक दूसरे को किस करने लगे थे | 10 मिनट किस करने के बाद मम्मी ने अपने पूरे कपडे उतार दिए थे और मैंने भी अपने कपडे उतार दिया था | फिर उन्होंने मेरा लंड फिर से चूसना चालू कर दिया था और मैं अहहहाआआ अहहहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह उऊंन्ह्ह अहहाआअ ऊमम्म्म अहहाआआ अहहाआआ हहहहाआ हहाआआआ आआअह्ह्हाअ उऊंन्ह्ह ऊउम्मम्म ऊउन्न्ह अहहहहहाआ अहहहाआ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म अह्हाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्ह अहहहाआअ करने लगा था |

और उन्होंने मजे से मेरा लंड चूस चूस कर फिर लोहे जकी तरह सख्त कर दिया और मेरालंड 15 मिनट तक चूसा | फिर मैंने उनके दूध पकड के जोर जोर दबाने लगा और जोर जोर से चूसने लगा था और वो अहहहाआआ अहहहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह उऊंन्ह्ह अहहाआअ ऊमम्म्म अहहाआआ अहहाआआ हहहहाआ हहाआआआ आआअह्ह्हाअ उऊंन्ह्ह ऊउम्मम्म ऊउन्न्ह अहहहहहाआ अहहहाआ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म अह्हाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्ह अहहहाआअ करने लगी थी | मैं बीचे बीच में निप्पल भी काट लेता था 10 मिनट तक | दूध पीने के बाद मैंने उनकी चूत चाटना चालू कर दिया था और वो मजे के साथ अपनी चूत चटवाते हुए अहहहाआआ अहहहाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म्ह उऊंन्ह्ह अहहाआअ ऊमम्म्म अहहाआआ अहहाआआ हहहहाआ हहाआआआ आआअह्ह्हाअ उऊंन्ह्ह ऊउम्मम्म ऊउन्न्ह अहहहहहाआ अहहहाआ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्म अह्हाआअ उऊंन्ह्ह ऊउम्म्ह अहहहाआअ कर रही थी |

15 मिनट तक मैंने उनकी चूत चाटा और फिर मैंने उनकी चुदाई करते हुए अपना माल उनकी चूत में ही डाल दिया था | अब दोस्तों ऐसा हो गया था कि मैं रोज उन्हें चोदता था और जब भी हम घर में रहते थे तो कपडे पहन कर नहीं रहते थे | अब वो मुझसे खूब मजे ले कर चुदवाया करती थी और मैं भी मजे से चोदता था |

तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी और ऐसे चालू हुई थी हमारे बीच चुदाई की दास्ताँ | मैं उम्मीद करता हूँ की आप लोगों को मेरी ये कहानी पसंद आई होगी और मैं आगे भी ऐसी ही कहानियां लिखता रहूगा |

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अनजान महिला ने जरूरतों को पूरा किया | usb-tut.ru //usb-tut.ru/hotsouthindiansex/%e0%a4%85%e0%a4%a8%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a4%be-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a4%b0%e0%a5%82%e0%a4%b0%e0%a4%a4%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%8b/ Wed, 20 Oct 2021 07:57:21 +0000 //usb-tut.ru/hotsouthindiansex/?p=1179 अब तुम मेरी गांड मारकर मेंरी इच्छा पूरी कर दो। मैंने आज से पहले कभी किसी की गांड नही मारी थी इसलिए मैं थोड़ा डर रहा था। उन्होंने मेरे लंड पर तेल की मालिश की, मेरा लंड भी इतना कडक हो गया, जैसे ही मैंने अपने लंड को उनकी गांड मे डाला तो उनकी गांड चिकनी हो गई...

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antarvasna, desi sex stories Ajnabi Aurat ki chudai मेरा नाम राकेश है मैं अहमदाबाद का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 35 वर्ष है, मेरी शादी को 7 वर्ष हो चुके हैं, मेरी पत्नी जया का व्यवहार तो सब के साथ बहुत अच्छा रहता है, मेरी पत्नी हमेशा मुझे कहती है कि आप अपने गुस्से पर हमेशा कंट्रोल किया कीजिए। मेरे गुस्से के चलते ही मेरे भाई और मेरे बीच में झगड़ा हो गया, मेरे भैया का नाम संजय है लेकिन अब मेरा उनसे कोई भी लेना देना नहीं है और वह भी हमारे परिवार से अब कोई संपर्क नहीं रखते।

मुझे इस बात का बिल्कुल भी दुख नहीं है कि वह मुझसे बात नहीं करते लेकिन मुझे इस बात का बहुत ज्यादा दुख होता है कि उन्होंने मेरे साथ बहुत गलत किया, मेरे पिताजी ने हमारे नाम पर जो घर किया था उसमें से उन्होंने मुझे कुछ भी नहीं दिया और वह घर बेच दिया। जब मुझे यह बात पता चली तो उन्होंने मुझे कहा कि तुम पैसों का क्या करोगे, तुम्हारी आदत ही गंदी है यदि तुम्हें मैं पैसे दे दूंगा तो तुम वह पैसे भी खर्च कर दोगे, मैंने उन्हें कहा आप हमेशा ही मुझ पर गलत शक करते हैं, मेरी आदत जबकि ऐसी नहीं है, उन्हें हमेशा से ही लगता था कि मैं बहुत ही आजाद किस्म का व्यक्ति हूं और सिर्फ अपने लिए ही सोचता हूं।

जब तक मेरे पिता जिंदा थे उस वक्त मेरे भैया ने मुझे कुछ नहीं कहा लेकिन जैसे ही उनका देहांत हुआ तो उन्होंने अपने रंग बदलने शुरू कर दिए और अपने नाम पर सब कुछ करवा लिया, मैंने उनसे अपना हक मांगा लेकिन उन्होंने कहा कि तुम अभी उसके काबिल नहीं हो, उसके बाद वह मुझे हमेशा ही टालते ही रहे, मेरी शादी भी हो चुकी थी और मुझे भी अपनी पत्नी के बारे में सोचना था लेकिन मेरे भैया ने ना तो मुझे कुछ पैसे दिए और ना ही कभी मेरी कोई मदद की इसलिए मैंने उनके साथ बात करना ही बंद कर दिया और अपना अलग रहने लगा।

मैंने शुरुआत में बहुत ज्यादा मेहनत की, मेरे पास कुछ भी नहीं था, उसके बाद भी मैंने अब सब कुछ कर लिया है, मैंने अपना घर भी पिछले साल ही लिया है। मेरी पत्नी मुझे कहती है कि आपने बहुत मेहनत की और आपने बिल्कुल भी हिम्मत नहीं हारी यदि आप की जगह कोई और होता तो शायद वह कब का टूट चुका होता, मैं अपनी पत्नी से हमेशा कहता हूं कि यदि हम सच्चाई और ईमानदारी के रास्ते पर चलते हैं तो सब कुछ अच्छा होता है लेकिन मेरे भैया ने हीं तो मेरे साथ गलत ही किया, उसका अफसोस मुझे जिंदगी भर तक रहेगा।

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मैं जब इस बारे में सोचता हूं तो मुझे लगता है कि रिश्ते कैसे एक पल में ही टूट जाते हैं, जब तक मेरे पिता जीवित थे तब तक तो मेरे भैया ने मुझे कभी भी कुछ नहीं कहा और ना ही वह मुझे किसी भी बात के लिए कुछ कहते थे वह मुझसे इतना प्रेम और भरोसा करते थे जितना की पूरी दुनिया में वह किसी पर ना करते हो लेकिन जैसे ही मेरे पिता का देहांत हुआ उसके बाद से उन्होंने अपने रंग बदलने शुरू कर दिए और मेरी भाभी भी कम नहीं है वह भी मेरे भैया का हमेशा साथ देती हैं और कहते हैं कि उनके जैसा व्यक्ति तो पूरी दुनिया में नहीं है।

मैं जब भी यहा बात सुनता हूं तो मुझे बहुत अफसोस होता है और अब मुझे अपने भाई की शक्ल देखनी भी पसंद नहीं है, मैं अपने जीवन में अब खुश हूं और अपने जीवन को अपने तरीके से जी रहा हूं। मेरी पत्नी और मेरे बच्चे भी खुश हैं उन्हें भी मैं कभी कोई कमी नहीं करता और ना ही मैंने कभी उन्हें कोई कमी होने दी। एक दिन मैं घर पर बैठा हुआ था मेरी पत्नी मुझे कहने लगी गोलू का एडमिशन किसी अच्छे स्कूल में करवाना है, मैंने अपनी पत्नी से कहा क्यों क्या वह जिस स्कूल में पढ़ रहा है वहां अच्छी पढ़ाई नहीं होती, मेरी पत्नी कहने लगी की वह जिस स्कूल में पढ़ता है वहां पर कोई कमी नहीं है लेकिन मैं चाहती हूं कि वह और अच्छे स्कूल में पढ़े ताकि कल को ऐसा ना हो कि हम अपने बच्चे को एक अच्छी शिक्षा ना दे पाए, मैंने अपनी पत्नी से कहा तुम मुझे दूसरे स्कूल की फीस बता देना उसके बाद मैं वहां पर गोलू का दाखिला करवा दूंगा, मेरी पत्नी कहने लगी कल ही मैं वहां चली जाऊंगी वहां पर फीस पता कर लूंगी, मैं आपको कल ही उसकी जानकारी दे दूंगी।

अगले दिन जब मैं काम पर था तो मेरी पत्नी ने मुझे कहा कि वहां पर तो काफी ज्यादा फीस है, मेरे दिमाग में अब यह बात बैठ चुकी थी कि मुझे अब उसी स्कूल में अपने बच्चे का दाखिला करवाना है लेकिन मेरी पत्नी जया मुझे कहने लगी अब रहने दीजिए वहां पर हमें गोलू को नहीं पढ़ाना परंतु मैंने भी ठान ली थी कि मुझे उसी स्कूल में गोलू का दाखिला करवाना है और किसी भी हालत में मैं उसे वहां पर पड़ा कर रहूंगा, मेरे अंदर एक आदत पहले से ही थी कि यदि मैंने कोई बात अपने दिमाग में बैठा ली तो उसे मैं जरूर पूरा करता हूं।

मैंने भी अब पूरी तरीके से सोच लिया था कि मैं गोलू को दूसरे स्कूल में दाखिला देकर दिखाऊंगा। मैं एक दिन उस स्कूल में चला गया और मैंने वहां पर फीस पता कि तो फीस वाकई में काफी ज्यादा थी, मैंने भी सोचा कि मुझे इस वक्त पैसे कौन देगा क्योंकि मेरा ज्यादा किसी के साथ संपर्क नहीं था। उसी दौरान मुझे एक विधवा महिला मिली मेरी उनसे मुलाकात मेरे एक दोस्त ने करवाई थी। मेरा दोस्त मुझे कहने लगा यह बहुत ही पैसे वाली है, यह तुम्हें पैसे दे सकती है लेकिन तुम्हें इन्हें खुश करना होगा। मैंने जब उन्हें देखा तो उनकी उम्र मुझसे काफी ज्यादा बड़ी थी लेकिन मुझे भी पैसो की आवश्यकता थी मैंने उनसे कहा मुझे पैसों की जरूरत है।वह कहने लगी तुम्हें कितने पैसे चाहिए मैं तुम्हें पैसे दे दूंगी लेकिन तुम्हें उसके बदले मेरी भी कुछ जरूरतों को पूरा करना होगा।

यह कहते हुए वह चली गई कुछ दिनों बाद उन्होंने मुझे फोन किया मैं उनके घर गया तो उनका घर बहुत ही आलीशान था लेकिन उनके घर में कोई भी नहीं था, उनके घर में काफी नौकर थे और सभी पुरुष थे मुझे लगा यह उनसे भी मजे लेती होंगी। मैं उन महिला के पास बैठा हुआ था। उन्होंने मुझसे मेरी समस्या पूछी? मैंने उन्हें सब कुछ बता दिया उन्होंने मुझे कहा तुम चिंता मत करो, उन्होंने अपनी अलमारी से मुझे पैसे निकाल कर दिया और कहा इन पैसे से तुम अपने बच्चे का दाखिला करा देना लेकिन तुम्हें मेरी चूत मारनी होगी।

मैंने उन्हें कहा ठीक है, उन्होंने अपने कपड़े खोल दिए उनके बदन में झुरियां पड़ी हुई थी लेकिन उनकी गांड बड़ी ही टाइट थी और उनकी गांड का सेप बहुत ज्यादा बढ़ा था, मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू किया और काफी देर तक मैं उनकी चूत चाटता रहा। जब मैने अपने लंड को अंदर डाला तो वह पहले ही काफी लंड ले चुकी थी उनकी चूत का भोसड़ा बना हुआ था।मुझे भी उन्हें चोदने में ज्यादा मजा नहीं आ रहा था लेकिन उन्होंने मुझे पैसे दिए थे इसलिए मैंने उन्हें काफी देर तक चोदा, मेरा माल भी गिरने का नाम नहीं ले रहा था लेकिन जैसे ही कुछ मिनट बाद मेरा वीर्य पतन हुआ तो वह मुझे कहने लगी तुम्हारा वीर्य बड़ा ही गरमा गरम है मेरी चूत में जाते ही मेरे अंदर एक ताजगी आ गई।

उन्होंने मुझे कहा अब तुम मेरी गांड मारकर मेंरी इच्छा पूरी कर दो। मैंने आज से पहले कभी किसी की गांड नही मारी थी इसलिए मैं थोड़ा डर रहा था। उन्होंने मेरे लंड पर तेल की मालिश की, मेरा लंड भी इतना कडक हो गया, जैसे ही मैंने अपने लंड को उनकी गांड मे डाला तो उनकी गांड चिकनी हो गई। मुझे ऐसा लगा जैसे कि मेरा लंड घुस जाएगा, जैसे ही मैंने थोड़ा सा अंदर की तरफ धक्का मारा तो मेरा लंड अंदर जा चुका था। वह मुझे कहने लगी तुम्हारा  लंड बहुत मोटा है। मैंने उन्हें बड़ी तेजी से धक्के देने शुरू कर दिया मैं जब उनकी गांड मार रहा था तो वह बहुत खुश हो गई।

वह भी अपनी चूतडो को मुझसे मिलाने लगी और कहने लगी तुम्हारे साथ सेक्स करके बहुत मजा आ रहा है, तुम्हें मेरी गांड मारते रहो। मेरा लंड भी उनकी गांड के अंदर बाहर हो रहा था उनकी गांड का छेद इतना टाइट था कि मुझे बड़ा अच्छा महसूस होने लगा। मैं भी जोश मे आ गया, मैंने काफी देर तक उनकी गांड मारी जब मेरा वीर्य पतन होने वाला था तो मैंने उन्हें काहा मेरे वीर्य पतन होने वाला है।

वह कहने लगी तुम अपने वीर्य को मेरे मुंह के अंदर डालो। उन्होंने मेरे लंड को अपने मुंह में लेते हुए चूसना शुरू किया और कुछ ही सेकंड बाद मेरा वीर्य उनके मुंह के अंदर चला गया उन्होंने वह सब अपने अंदर समा लिया।

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दारु के चक्कर में मिली चूत और बढ़ा कारोबार | usb-tut.ru //usb-tut.ru/hotsouthindiansex/daru-ke-chakkar-me-mili-chooth/ Wed, 20 Oct 2021 07:53:13 +0000 //usb-tut.ru/hotsouthindiansex/?p=1424 मैंने उसका ब्रा पकड़ा और फाड़ दिया | उसके बाद क्या था मैंने उसके दूध को इस कदर चूसा और वो मज़ा से सिस्कारियां ले रही थी | उसकी हालत ऐसी थी जैसे उसे कोई सुहागरात पे चोद रहा हो | मैंने उसके निप्पल दबा दबा के चूसे और फिर वो एकदम लाल हो गए थे और कड़क भी...

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Chooth chudai ki kahani – हेल्लो दोस्तों चूत का दस्तूर ही कुछ ऐसा है ये जिस भी लंड को लेती लेती है उसे अपना बना लेती है | मैं हूँ जम्मन और मेरा कंचनपुर में दारु का काम चलता है | ऐसे तो वह पे कई सारे लोग दारु बेचते है पर एक औरत है जिसका नाम है साधना | क्या कटीला फिगर है उसका लोग उसके यहाँ से दारु इसलिए लेने जले है क्यूंकि उसका बदन मस्त है और वो हमेशा कम कपडे पहनती है | मेरा धंधा भी अच्छा चल रहा था पर जबसे वो आ गयी है लोग उसके यहाँ से ख़राब दारु भी ले लेते है | एक दिन मैंने सोचा साली के यहाँ छापा पडवा देता हूँ पर फिर लगा यार एक बार देख तो लिया जाए है कौन ये साधना |

फिर मैं उसके यहाँ गया एक ग्राहक बनके और उससे कहा मुझे एक बोतल दारु चाहिए | वो लेकर आई तो मैंने देखा उसने साडी पहनी थी और उसका पल्लू बिलकुल खुला था | क्या कसे हुए दूध थे उसके | और जब वो झुकी कुछ उठाने के लिए तो उसकी गांड साडी के ऊपर से ही समझ में आ रही थी | मैंने बोला यार ये तो बड़ा सामान है इसको तो हक बनता है महंगी दारु बेचने का | मैंने सोच लिया था की इसको तो चोद के रहूँगा और इसको अपने धंदे का भागीदार भी बनाऊंगा | मैं रोज़ उसके यहाँ जाने लगा दारु लेने और वहीँ बैठ कर पीता था | उसके बाद उसने मुझसे कहा तुम न अन्दर मेरे कमरे में बैठ कर पी लिया करो यहाँ पर कई सारे लोग आते हैं तो अच्छा नहीं लगता | मैंने कहा ठीक है जैसा आप बोलो मुझे तो बस पीने से मतलब है | फिर अन्दर जब मैं पहुंचा तो देखा उसने अपना घर किसी महल से कम नहीं बना रखा था |

पैसा तो बहुत कमाया था उसने इस काम से इसमें कोई दोमट नहीं है और मुझे भी लग रहा था इसके साथ कम करके मज़ा आएगा | फिर मेरा ये रोज़ का हो गया अब तो वो खुद मेरे लिए पानी और खाने के लये ले आती थी और उसके पैसे भी नहीं लेती थी | फिर एक दिन मैं वह पहुंचा और मेरे साथ ही कड़ी थी और मुझसे बात कर रही थी उतने में मेरा एक ग्राहक आया और उसने दारु मांगी | मुझे पता था अगर इसने मुझे देख लिया तो ये सब कुछ बक देगा यहीं पर | तो मैंने अपना मुह घुमा लिया पर वो साला मेरे सामने आया और कहा अरे जम्मन भाई आप तो खुद दारु बेचते हो यहाँ से क्यों ले रहे हो | मैंने उससे इशारे में कहा अबे मादरचोद निकल यहाँ से पर शराबी तो शराबी | तब साधना वहाँ पर नहीं थी पर वो यही बोलता रहा और उतने में वो आ गयी और उसने सब सुन लिया | उसने कुछ नहीं कहा और कहा ए बेवडे चल निकल यहाँ से ये मेरा ख़ास ग्राहक है | मुझे लगा सब ठीक है और में अन्दर चला गया |

इस बार चीज़े थोड़ी सी अलग थीं क्यूंकि पहले वो बड़े प्यार से हस्ते हुए खाने के लिए लाती थी और दारु भी खुद ही देती थी | पर इस बार उसने खाने के लिए दिया तो पर बड़े अजीब तरीके से | वो आई और सीधा रख दिया और कहा जो लगे मेरा नौकर अन्दर है आवाज़ लगा देना | मैंने भी कहा ठीक है क्यूंकि उस समय वो गुस्से में थी और मैं कोई भी चांस नहीं लेना चाहता था | मैंने उससे बात करने की कोशिश की पर वो मुह घुमा के चली जाती थी | ऐसे ही तीन चार दिन निकल गए और मैंने उससे बात नहीं की और वो भी गुस्सा ही रहती थी |

एक हफ्ते बाद मेरे सब्र का बाँध तिऊत गया और मैंने उसका हाथ पकड़ लिया | उसने कहा “जम्मन छोड़ मेरा हाथ नहीं थप्पड़ मार दूंगी” मैंने भी कहा नहीं आज तो पता करके ही रहूँगा कि आखिर बात क्या है | उसने नहीं कोई बात नहीं है तू बस जाने दे मुझे | मैंने कहा पति तेरा है नहीं और गुस्सा दिलाने वाला तुझे कोई पैदा नहीं हुआ | तो उसने कहा अगर हो गया होगा तो तू क्या कर लेगा ? तो मैंने कहा जान ले लूँगा साले की अगर किसी ने तुझे तंग किया तो | तो उसने कहा हाँ अच्छा है फिर तू खुद को ही मार डाल |

Chooth chudai सैक्स – एक चुदाई कथा

मूझे समझ आ गया था कि आखिर माजरा क्या है ? उस दिन जो उस बेवडे ने कहा वो सीधा इसके दिल पे लगा और ये गुस्सा हो गई | साधना गयी और उसने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया और नौकर से कहा मैं सो रही हूँ कोई भी आए संभाल लेना | मैंने उसके नौकर को बुलाया और कहा छोटू ये ले पकड़ 500 का पत्ता और मुझे अन्दर जाने दे | उसने कहा ठीक है पर दरवाज़ा अन्दर से बंद है मैंने बोला तू वो सब जाने दे | उसने कहा ठीक है फिर वो चला गया | मैंने जाकर साहना को आवाज़ लगायी पर उसने कुछ जवाब नहीं दिया |

फिर मुझे हलकी सी आवाज़ आई उसके रोने की आवाज़ आई | मैंने साधना मुझे माफ़ करदे मैंने कुछ भी जानबूझ कर नहीं किया | उसने कहा पहली बार मुझे किसी से इतना लगाव हुआ था और उसी ने मेरा भरोसा तोड़ दिया | मैंने नहीं अगर भरोसा तोडना होता तो ममें यहाँ आता क्या | उसने कहा तूने मुझे बताया नहीं की तू भी वही काम करता है | तू यहाँ मुझे बर्बाद करने आया था करले मैं कुछ नहीं कहूँगी |

मैंने कहा साधना मैं यहाँ बस तुझे देखने आया था पर उजाने अनजाने में तुझसे प्यार हो गया | मैं अपने काम के बारे में तुझे बताने ही वाला था पर तूने सुन लिया | माफ़ करदे यार मेरे मन में कुछ भी गलत नहीं था और मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ हो जाएगा हमारे बीच में | फिर उसने दरवाज़ा खोला रोते हुए | मैंने उसे तुरंत ही गले लगा लिया और वो और सिसक सिसक के रोने लगी | मैंने उसे चुप कराया और उसको चूमने लगा | फिर कुछ देर बाद उसने मुझे देखा और कहा तू सच में प्यार करता है ना मुझसे | मैंने कहा हाँ मेरी माँ अब क्या अपना दिल चीर के दिखाऊ तुझे | उसने कहा वैसे ख्याल बुरा नहीं है | मैंने उसे और कस के गले लगा लिया और उसके बड़े बड़े दूध मुझे महसूस हो रहे थे | मेरा लंड भी धीरे धीरे खड़ा हो रहा था |

मैंने भी सोचा इससे अच्छा मौका मुझे नहीं मिलेगा और मैंने उसे जोर जोर से चूमना चालू कर दिया | फिर उसने मुझसे कहा ये क्या कर रहे हो जम्मन | मैंने कहा बस आज मत रोको | और उसको चूमते चूमते उसके दूध दबाने लगा | क्या कसे हुए और मुलायम दूध थे उसके | मैंने कहा अब इनको आज़ाद करदो और बस इतना ही इएहना था कि उसने अपना ब्लाउज खोल दिया | जैसे ही उसका काला ब्रा और उसमे कसे हुए दूध दिखे मैं तो हिल गया था | मैंने सोचा बस अब इससे बोल ही देता हूँ |

मैंने कहा अब मैं नहीं रुक सकता कल तेरे लिए नया ब्रा ला दूंगा | मैंने उसका ब्रा पकड़ा और फाड़ दिया | उसके बाद क्या था मैंने उसके दूध को इस कदर चूसा और वो मज़ा से सिस्कारियां ले रही थी | उसकी हालत ऐसी थी जैसे उसे कोई सुहागरात पे चोद रहा हो | मैंने उसके निप्पल दबा दबा के चूसे और फिर वो एकदम लाल हो गए थे और कड़क भी | मैं समझ गया था अब ये गरम हो चुकी है और मैंने उसकी साडी उतारी और उसने नीचे पेन्टी नहीं पहनी थी | मैंने उसकी चूत देखी और कहा इतनी शानदार फूली हुयी चूत | उसने कहा अभी तक इसे लंड नहीं मिला है इसे कस के चोदो |

मैंने अपना मुह उसके नीचे लगाया और उसकी चूत का पानी चाट के साफ कर दिया | फिर मैं उसकी चूत चाटने लगा और उसकी गलाबी की चूत को जमके चाटा | वो सिस्कारियां भर रही थी और उम्म्मम्म्म्मम्म्म्म आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा उम्म्मम्म्म्मम्म्म्म आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा कर रही थी और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था | फिर मुझे भी रहा नहीं गया और मैंने कहा साधना अब तेरी चूत में मेरा लंड जा रहा है | उसने कहा हाब्न्न डाल दे |

Ye sex kahani padhiye पहली चुदाई का नशा (अंतिम भाग)

मैंने जेसे ही लंड अन्दर डाला उसने फिर उम्म्मम्म्म्मम्म्म्म आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा उम्म्मम्म्म्मम्म्म्म आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा करना शुरू कर दिया | मुझे ये सब सुनके जोश आ गया और मैं उसे और तबियत से चोदने लगा | फिर उसके बाद मैंने उससे कहा अपनी गांड के छेद दिखा और मैंने उसके गांड के छेद को भी चोदा | आधे घंटे बाद मैंने उसके पूरे बदन पे अपना मुठ फैला दिया और वो उसे अपने पूरे बदन पे मल रही थी |

फिर वो नहाके बाहर आई मुझे गले लगाया और कहा अब से हम साथ में काम करेंगे और तू मुझे छोड़ के मत जाना | मैंने भी कहा कभी नहीं जाऊँगा बस चूत देती रहना और हम दोनों हसने लगे | दोस्तों मेरी ये कहानी आप लोगों को कैसी लगी कमेंट कर के जरुर बताइयेगा |

मुझे इंतजार रहेगा |

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कवि की किस्मत चुदाई के बाद पलट गयी | usb-tut.ru //usb-tut.ru/hotsouthindiansex/chodai-ke-baad-kismat-palat-gayi/ Wed, 20 Oct 2021 07:47:14 +0000 //usb-tut.ru/hotsouthindiansex/?p=1425 उसने अपने कपडे भी फाड़ दिए और कहा इस नाचीज़ की चूत को खा जाओ | मैंने उसकी चूत को मजबूरी में चाटा और उसके बाद जैसे ही उसने मुझे अपना माल पिलाया मुझे जोश आ गया | उसके बाद मैंने उसे बिस्तर पे पटका और कहा बस अब आपको हमारे लंड की ताकत से रूबरू करवाता हूँ..

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Chodai ki kahani आज का सबसे बड़ा सवाल यह है कि हम कैसे जियें ? और उससे भी बड़ी समस्या यह है कि ऐसा क्या करे जिससे जीना असं हो जाये | दोस्तों ये दो सवाल बड़े ही कठिन है क्यूंकि इनके इर्द गिर्द पूरा जीवन घूमता रहता है और इनसे आज तक कोई नहीं बाख पाया | मुझे भी लगता था कि अगर मन से हर चीज़ को करो तो राह आसान हो जाती है | पर इसके अलावा भी हमे बहुत सारी  चीजों की ज़रूरत होती ही जिससे हम सब कुछ कर सकते हैं | देखिये लेखक जो होता है वो समाज कओ आइना दिखता है पर इससे भी बड़ी विडंबना तो यह है उसका खुद कका जीवन अंधकार में होता है |

एक लेखक बड़ी मेहनत करके जीवन यापन करता है पर अगर उसे उसकी कला का कद्रदान नील जाये तो उसका सारा जीवन संवर जाता है | मुझे भी ऐसी ही किसी चीज़ की तलास्श थी | घर में मेरी बीवी थी और बच्चे थे जो पढ़ते थे | हमारे घर में बहुत तंगी का आलम रहता था क्यूंकि मुझे आये दिन किसी न किसी से मुह की खानी पड़ती थी | किसी को कहानी पसंद नहीं आती थी तो कोई मिलता ही नहीं था | पर मेरी बीवी और बच्चे मेरी हिम्मत थे क्यूंकि वो हमेशा मेरी तारीफ करते और जैसे तैसे हर चीज़ में रम जाते |

अगर कोई सच्चा हमसफ़र हो तो जिंदगी हसीं बन जाती है और सफ़र तो बस नाम का ही रह जाता है | मुझे करीब 5 वर्ष हो गये थे लोगों के चक्कर काटते हुए पर एक फूटी कौड़ी न मिली | पर मेरा घर चल जाता था क्यूंकि जहाँ भी कवि सम्मलेन होता था या मुशाइयरा होता था | पैसे कम मिलते थे पर घर का चूल्हा जलता था और दो शेर का खाना भी हो जाता था | एक बार की बात में आपसे साझा करना चाहता हूँ जो की मेरे साथ भिंड में हुयी थी | यह जगह मध्य परदेस में है और यहाँ ज़्यादातर लोग आपराधिक प्रवत्ति वाले ही थे | यहाँ एक बड़ा कवी सम्मलेन होने वाला था जो की ठाकुर साहब करवा रहे थे | ठाकुर साहब मतलब सरकार जी | उनकी हुकूमत चलती थी यहाँ पे | पर वो किसी के साथ गलत नहीं करते थे |

मुझे निमंत्रण मिला और उसमे हज़ार रुपये थे और लिखा था आपको यहाँ कविता पढने आना है | मैंने भी झट से हज़ार रुपये भाग्यवान को दिए और गज्जू मेरा बड़ा लड़का उससे कहा ए गुड्डू अम्मा का ध्यान रखना ठीक है | उसने कहा ठीक है बापू और फिर उसने मुझसे पूछा बापू एक दिन हम अच्छी जिंदगी जियेंगे न | मेरी आँखे नाम हो गयी और मैंने कहा ” डाल पे बैठी चिड़िया को अपने पंखों पर भरोसा होता है आ जाये लाख आंधी तूफ़ान पर अपने जिगर में हिम्मत भर फिर देख क्या होता है ” | वो भी हस दिया और कहा ठीक है बापु अब आप जाओ |

Chodai ki kahani आया सावन झूम के चोद गया मेरी गांड रे

मैंने तैयारी करली और अपना झोला उठाया और निकल पड़ा अपने सफ़र पे | बस मिली और तब किराया 30 रूपया था | मैं पहुँच गया भिंड और रात के एक बजे थे उस समय | कुछ लोगों ने मुझे घेर लिया और कहा जो भी है निकाल दे | मैंने कहा खुद ही लेलो भाई और वो लोग मेरे पास आने लगे | उन्होंने जैसे ही मेरी तलाशी ली उन्हें एक पायजामा और कुरता मिला और ५० रुपये मिले और कुछ किताबे | तो उनमे से एक ने मुझसे पूछा क्यों रे क्या करता है भिखारी | तो मैंने कहा मैं एक लेखक हूँ मित्र तो वो सब दूर हट गये और मुझे गले से लगाके कहा पगले अब रुलाएगा क्या |

ये ले तेरा सामान और बोल कहाँ जाना है | देखा दोस्तों एक लेखक की मजबूरी डकैत भी समझ जाते है | पर उस वक़्त शायद उनमे से एक कुछ लेने गया था और सबसे बोला था भाई को कहीं जाने मत देना | थोड़ी देर बाद वो वापस आया और कहा भाई ये लो कुछ रोटियाँ है आप खालो भूखे होगे तो मैंने कहा नहीं मित्रों हम सब बाँट के खायेंगे | इतना सुनते ही सब रोने लगे और फिर हमने रोटी खाई और दारु का इंतज़ाम भी था | रोटी के साथ अगर देसी दारु हो तो मज़ा ही आ जाता है | हम सब नशे में थे और फिर एक ने पुछा भाई आप यहाँ किसके यहाँ आये हो तो मैंने उनको बताया ठाकुर साहब के यहाँ जाना है कवि सम्मलेन है | उन्होंने कहा भाई आप चिंता मत कर हम सुबह आपको छोड़ देंगे | और हमलोग वही बीहड़ में सो गये फिर सुबह जब आँख खुली तो मैं ठाकुर साहब की हवेली के बाहर मैदान में था |

मैंने मन ही मन उनको धन्यवाद दिया और सोचा काश वो लोग मेरी कविता सुनने के लिए आ जाये | तम्बू गड चुका था मंच सज चुका था और कई नामी गिरामी कवि और कवियत्री वह पे आये हुए थे | मैंने सोचा पहले नाहा लिया जाए और उसके बाद देखेंगे की क्या इंतेज़ाम है | मैंने पास के ही नल के नीचे नहाया और सोचा की नाश्ता कर लेते है | पर अगर मैं नाश्ता करता तो घर जाने के लिए पैसे नहीं बचते इसलिए भूखा ही रहा | पर एक घंटे बाद वो सारे लोग वापस आये और कहा भाई नाश्ता लाये हैं आपके लिए मैं उनको देखककर बड़ा प्रसन्न हुआ और खुदा का शुक्रिया किया | ” लाख मुसीबते दे देना ए खुदा पर मेरी फ़िक्र करने वाले यार मुझसे मत छीनना” | फिर उन्होंने कहा भाई अब आपसे रात में मिलेंगे अभी रुके तो दरोगा पकड़ लेगा | फिर मैंने अन्दर की तरफ रुख किया और जायजा लेने लगा |

अन्दर जाते ही मेरा सामना हुआ भारतेंदु दुखभंजन सिंह साहब से जो हमारे समय के बहुत बड़े शायर थे | उन्होंने मुझे देखा और कहा नए लगते हो और मैंने उनका चरण स्पर्श किया और आशीर्वाद लिया | मैंने गौर नहीं किया था की एक कवियत्री जो की नयी उम्र की थीं वो मुझे देख रही थी | वो राजा महाराजा के खानदान से तालुकात रखती थीं | उनका नाम रुखसार अम्बर था और उनकी कविता में वीर और हास्य रस दोनों था | फिर मैंने सोचैनके बीच मेरा क्या काम तो मैं एक कोना पकड़ के चुपचाप खड़ा हो गया | तभी गलियारों की महफ़िल से एक आवाज़ आई और मुझे समझते देर न लगी की ये अपने राहत फरुक्काबादी हैं |

उन्होंने मुझे सुना था और वो यहाँ सबके लिए आये थे | उन्होंने मेरी तरफ इशारा करते हुए कहा कि अगर व्यंग और संजीदा शायरी का नाम आएगा तो ये लड़का काफी ऊपर जाएगा | रुखसार अम्बर भी वहीँ थी और वो ये सब बहुत गौर से सुन रहीं थी | सबके जाने के बाद वो मेरे पास आई और कहा आप बड़े छुपे रुस्तम मालुम पड़ते हैं हमे अपना जलवा नहीं दिखायेंगे | तो मैंने कहा रुखसार जी अभी सुनाये देते हैं एक लतीफा आपको | उन्होंने कहा नहीं हमे आपका जलवा अकेले में देखना है | मैं समझ गया ये क्या चाहती हैं |

Antharvasna मेरी पहली सुहागरात पड़ोस वाली भाभी के साथ

मैंने पहले तो सोचा कि अपना काम निपटा लेते हैं बाद में इसको तारका देंगे | सम्मलेन शुरू हुआ और मेरी बारी आई और जैसे ही मैंने पहला व्यंग मारा सारेकवि उठकर तालियाँ बजने लगे | दो घंटे तक मैंने अपनी प्रस्तुति दी और ठाकुर साहब ने प्रसन्न होकर मुझे एक लाख की राशि नगद दे दी | फिर रात को हमारा खाना वहीँ था पर मुझे रुखसार एक कमरे में ले गई और बिना कुछ बोले मेरे कपडे फाड़ दिए और अपने कपडे भी उतार दिए | मेरा लंड बालों से भरा था पर उसने फिर भी उसे चूसना शुरू कर दिया और इतना चूसा की लाल पड़ गया |

फिर उसने अपने कपडे भी फाड़ दिए और कहा इस नाचीज़ की चूत को खा जाओ | मैंने उसकी चूत को मजबूरी में चाटा और उसके बाद जैसे ही उसने मुझे अपना माल पिलाया मुझे जोश आ गया | उसके बाद मैंने उसे बिस्तर पे पटका और कहा बस अब आपको हमारे लंड की ताकत से रूबरू करवाता हूँ | उसके बाद मैंने उसे उल्टा किया और उसकी गांड में अपना लंड डाल दिया और वो उमम्म्म्म आआआअह ऊऊओह्हह्हह करने लगी थी | बेगम जान की गांड फट चुकी थी और मैं तो पागल घोड़े की तरह्ह उसे बस चोदे जा रहा था |

वो लगातार आह… ऊह्ह्ह्हह… उईई…. करती जा रही थी और मैं था की रुकने का नाम नही ले रहा था | बीच बीच में मै उसके चूतडों पर थप्पड़ भी मार दे रहा था | फिर मैंने उसकी गांड में अपना मुठ पेल दिया पर फिर भी मेरा खड़ा था | मैंने उसे घोड़ी बनाया और इस बार उसकी चूत को फाड़ दिया और हर बार की तरह मुठ उसकी चूत में | उसके बाद हम साथ में लेटे | वो मुझसे बड़ी खुश थी और उसने मुझे अपना हार और दो किलो सोना दिया | मुझे फिर से जोश आया और मैंने फिर से उसकी को चोदा | इस बार वो आअह्ह्ह्ह उम्म्म्मम्म्म्मऊऊउम्म्म्म करती रही और रात भर चुदती रही | मैं इस बार करोडपति बनके लौटा था घर और इस चीज़ को मैं कभी भूल नहीं पाउँगा |

दोस्तों अमीर तो बहुत लोग बने होंगे लेकिन मेरी तरह बनने वाले बहुत कम ही होंगे | आप लोगों को इस कवी की कहानी कैसी लगी जरुर बताइयेगा |

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मेरी पहली सुहागरात पड़ोस वाली भाभी के साथ | usb-tut.ru //usb-tut.ru/hotsouthindiansex/padoswali-bhabhi-ke-saath-suhagraat/ Tue, 19 Oct 2021 12:12:37 +0000 //usb-tut.ru/hotsouthindiansex/?p=1426 पहले तो वो शर्मा गई और फिर उन्होंने कहा की मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है तो मैंने कहा कि आप अब ऐसा क्यूँ बोल रहे हो ? तब वो बोली की मेरे पति बाहर रहते हैं और मेरा मन करता है की मुझे कोई चोदे पर मेरी चूत प्यासी की प्यासी ही रह जाती है ....

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Padoswali bhabhi ke saath suhagraat मैंने वीरेंदर हूँ और उत्तराखंड से हूँ | मेरी उम्र 25 साल है और मैं दिखने में बहुत ही गोरा हूँ | मेरी हाईट भी अच्छी खासी है 6 फूट और इंच हाईट है मेरी | जब मैं लम्बा हूँ तो मेर लंड भी लम्बा है, मेरा लंड 10 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा है | मैंने अपनी लाइफ में कभी सेक्स नहीं किया था पिछले 2 महीने पहले तक | मैं अभी पार्ट टाइम जॉब करता हूँ जहाँ बहुत सारी लड़कियां हैं पर पता नहीं क्यूँ ? मुझसे एक भी नहीं पटी थी | मैं देसी सेक्स स्टोरीज का बहुत बड़ा फेन हूँ और मुझे स्टोरीज पढना बहुत पसंद है | पर मेरे साथ ऐसा हुआ ही नहीं था जो मैं किसी को बता पाता और अब जब हुआ है तो मैं अपलोगो के समक्ष रख रहा हूँ | चलो दोस्तों अब मैं आप लोगों को बता हूँ कि कैसे मैंने अपनी विर्जिनिटी तोड़ी वो भी अपनी पड़ोस वाली भाभी के साथ |

ये घटना आज से 2 महीने पहले की है उस समय मस्त ठंड का मौसम चल रहा था और मैं अपनी जॉब के लिए रोज सुबह 10 बजे घर से निकलता था | हमारे घर के बाजु एक घर है जो की ज्यादातर किराये से ही चलता है और जो उस घर के मालिक हैं वो विदेश में रहते है तो उनके घर में किरायेदार ही रहा करते हैं | अभी काफी टाइम से वहाँ कोई नहीं था पर उस दिन जब मैं सुबह अपने ऑफिस के लिए निकल रहा था तब मैंने देखा कि वहां कोई फॅमिली आ रही है रहने के लिए | मैंने भी सोचा की शायद ऐसे ही कोई नार्मल फॅमिली होगी जिसमे मेरे काम का कोई भी नहीं होगा |

Sexkatha आया सावन झूम के चोद गया मेरी गांड रे

यही सोच कर मैं फिर अपने ऑफिस के लिए निकल गया था | फिर मैं जब शाम 5 बजे आया वहाँ से तो देखा की एक मस्त सी भाभी अन्दर जा रही थी मैं उसे देखता ही रह गया | क्या मस्त भाभी थी वो 34 के दूध साइज़ गांड आए हाय गांड तो एक दम कातिलाना थी 38 की | इतना गजब का माल देख के तो हर किसी का लंड खड़ा हो जाये ऐसे हुस्न की मल्लिका थी वो | फिर मैं घर आ गया अपने और फिर सोचने लगा कि वो हुस्न की मल्लिका है कौन ? फिर मैंने अपनी मम्मी से पूछा कि मम्मी यहाँ कोई रहने आए हैं क्या बाजु में ? तो मम्मी नै कहा की हाँ आए हैं बहुत सीधे सादे लोग हैं वो फिर मैंने कहा कि अच्छा !!!! ठीक है | फिर मैं अपने रूम में चला गया और टीवी देखने लगा फिर थोड़ी देर बाद मुझे डोर बेल की आवाज़ आई मैं तुरंत नीचे गया देखने की कौन आया है मम्मी बर्तन साफ कर रही थी इस वजह से उन्हें डोर बेल सुनाई नहीं दी थी तो मैं नीचे गया |

दरवाजा खोला तो देखा कि वो ही बाजु वाली भाभी आई हैं तो मैंने उन्हें नमस्ते किया और कहा कि हाँ जी बोलिए ! तो वो बोली कि बेटा थोडा शक्कर मिलेगा क्या ? मेरे घर में कुछ रिलेटिव्स आए हैं और हम लोग आज ही यहाँ शिफ्ट हुए हैं तो कुछ सामान नहीं ला पाए हैं | तो मैंने कहा कि कोई बात नहीं फिर मैंने उन्हें शक्कर दे दिया और वो चली गई | फिर ऐसे ही धीरे धीरे हम लोगों की आपस में बहुत अच्छी पहचान हो गई और वो हमारे यहाँ रोज आती थी | असल में उनके पति डेल्ही में जॉब करते थे तो वो वहीँ डेल्ही में ही रहते थे और उनका कोई भी बच्चा नहीं था तो वो भाभी अकेले ही रहती थी |

फिर ऐसे ही कुछ दिन बीत गए थे और समय तक मैंने कभी उन्हें चोदने के बारे में नहीं सोचा था पर एक दिन मैं सन्डे के दिन छत में टहल रहा था | बाजु वाली भाभी नहा कर ऊपर कपडे सुखाने आई थी और गाउन पहना था ब्लू कलर का यार कसम से क्या मस्त लग रही थी वो | गीले गीले बाल और खुले हुए इतनी गजब की लग रही थी क्या बताऊ | फिर मैंने भाभी को आवाज़ लगा कर पूछा कि भाभी नहा लिए तो वो बोली हाँ | फिर मैंने उनसे बोला कि भाभी अगर आपको कुछ भी काम हो तो मुझसे कह देना मैं कर दिया करूँगा | भाभी बोली अच्छा बेटा चल घर आजा खाना बनाने में मदद करदे |

मैंने बोला रुको अच्छा आता हूँ फिर मैं भाभी के घर गया तो वो बोली रुकना थोडा मैं अभी आती हूँ | मैंने बोला ओके फिर भाभी अन्दर वाले रूम में चली गई और दरवाजा बंद करना भूल गई थी तो मैंने सोचा की चलो देखता हूँ की क्या कर रही हैं भाभी | मैं थोडा सा दरवाजा खोल के देखा की भाभी बिलकुल नंगी हो चुकी थी और अपनी ब्रा पहन रही थी दूध तो नहीं देख पाया पर उनकी गांड देख के मेरा लंड खड़ा हो गया था | मैं अपना लंड सहलाने लगा था उतने में मेरे फ़ोन की घंटी बज गई और भाभी ने मुझे पलट कर देखा तो मुझे उनकी चूत दिख गई |

वो मुझे देख कर सन्न सी रह गई और जल्दी से अपना गाउन उठा कर अपने बदन को छुपाने लगी फिर मैं भी जल्दी से भाग कर आया और सोफे पर बैठ गया | फिर भाभी गुस्से से बाहर आई और मुझसे बोली की तुम ये क्या कर रहे थे ? तो मैंने बोला भाभी की मुझसे गलती हो गई मुझे आपको कपडे पहनते हुए नहीं देखना चाहिए था पर मैं क्या करता भाभी मुझसे रहा नहीं गया और मैं ऐसी गलती कर बैठा मुझे माफ़ कर दो | तो भाभी बोली की देखो मैं ये बात किसी को नहीं बताउंगी पर तुम यहाँ से चले जाओ और मुझसे बात मत करना | ये सुन कर मैं मुह लटका के जाने लगा |

फिर मैं घर आ के छत पर चला गया और अपनी गलती पे शर्मिंदा न हो कर मैं छत पर बैठ कर मुठ मारने लगा | मुझे नहीं पता था कि भाभी छत पर ही होंगी वो मुझे छुप कर देखने लगी | और मैं मुठ मर रहा था | फिर अचानक से बोली कि तुम अब ये करने लगे | तो मैंने बोला भाभी मैंने आपको ऐसा नंगा देखा तो मेरा मुठ मरने का मन हो गया मैं क्या करता ? तो वो बोली तुम मेरे घर आओ अभी तो मैं छत से उनके घर चला गया और वो मुझे बैठा कर बोली कि सुनो एक काम की बात है तो मैंने बोला हाँ बोलिए |

desikahani चुदक्कड बाबा की अन्तर्वासना ने उसकी गांड तुडवाई

पहले तो वो शर्मा गई और फिर उन्होंने कहा की मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है तो मैंने कहा कि आप अब ऐसा क्यूँ बोल रहे हो ? तब वो बोली की मेरे पति बाहर रहते हैं और मेरा मन करता है की मुझे कोई चोदे पर मेरी चूत प्यासी की प्यासी ही रह जाती है | तो फिर मैंने उनके कंधे में हाँथ रख के कहा कि भाभी आप ऐसे परेशान मत हो और उन्होंने मेरे दिल पर सर रख के मुझे पकड़ लिया | मैं भी उनकी पीठ सहलाने लगा और कहा की भाभी आप को अब दुखी होने की जरूरत नहीं है मैं करूँगा आपकी मदद |

फिर वो मेरे होंठ पर अपने होंठ रख के किस करने लगी और मैं भी उन्हें चूमने लगा और साथ में उनके दूध दबाने लगा और फिर हम दोनों 20 मिनट तक ऐसे ही एक दूसरे को चूमने लगे और चूमते चूमते मैंने उनका गाउन उतार दिया और वो अब बस ब्रा और पेन्टी में रह गई थी और उन्होंने नें मेरे कपडे उतार दिए थे | मैं बस चड्डी में आ गया था फिर मैंने उनके दूध पीने चालू कर दिया था और वो आआहाआआ आआहहहा आहाहह्हा आहाहहा अब मुझे इतने दिनों बाद एक लंड मिलेगा | आहहाहाआ बहुत मजा आ रही है फिर उनके दूध चूसने के बाद मैंने उन्हें लेटाया और उनकी चूत चाटने लगा उनकी पेन्टी उतार के | उनके मुंह से सिस्कारिया निकल रही थी और वो अआहाहा आआआहाअह आहहहाआअ आआहा आआह्हहा आहाह्हहा अहा कर रही थी |

फिर उन्होंने मेरा लंड चूसा 10 मिनट तक मुझे बहुत मजा आ रहा था क्यूंकि मेरा इतना बड़ा लंड उनके मुह में नहीं जा रहा था और वो तब भी कोशिश करते हुए मेरा लंड बड़े प्यार से चूसे जा रही थी | फिर मैं उन्हें लेटा कर उनकी चूत में अपना लौड़ा पूरा घुसेड दिया था | जिससे उसको बहुत मजा आ रहा था मैं जोर जोर से उन्हें धक्के मार मार के चोदे जा रहा था और वो आः अहहहः अहहहः अहहहः अहः आहाहा चोदो मुझे आहाहाहा अहाहा अ क्या मस्त लंड है रे तेरा | आहाहाहा अहाहा मजा आ रहा है मुझे बहुत अहहहहाह अहहहः आहा बड़े दिनों बाद मुझे लंड मिल रहा है अहहहहहह्हा अहहह्हा अहहाअहाआ आआअ बहुत अच्छी चुदाई करते हो तुम | और मैं बस उसे जोर जोर से चोदे जा रहा था | करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद मैंने अपना वीर्य उसके मुंह में छोड़ दिया था और वो सारा सारा का माल पी गई थी |

तो दोस्तों ऐसे मनी थी मेरी पहली सुहागरात उस भाभी के साथ |

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आया सावन झूम के चोद गया मेरी गांड रे | usb-tut.ru //usb-tut.ru/hotsouthindiansex/chod-gaya-meri-gaand-re/ Tue, 19 Oct 2021 12:09:21 +0000 //usb-tut.ru/hotsouthindiansex/?p=1427 मैं उसके घर गई तो मैंने उससे पूछा कि यहाँ तो कोई नहीं है ? तुमने पार्टी के लिए बोला था कहाँ है पार्टी ? तो उसने कहा कि जानेमन पार्टी तो हमारे बीच होगी और उसने मेरी कमर पकड़ के खीच ली अपनी तरफ और सीधा अपने होंठ मेरे होंठ पर रख दिए और किस करने लगा...

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Chod daya meri gaand re – हैल्लो दोस्तों मैं सारिका अमृतसर की रहने वाली हूँ, मैं ऍम.बी.ए की पढाई कर रही हूँ और मैं यहाँ अकेले रह कर पढ़ रही हूँ | वैसे तो हमलोग मेन दिल्ली के रहने वाले है पर मुझे यहाँ आ कर पढाई करने का बहुत मन था इसलिए मैं यहाँ अकेले बिंदास हो कर रहने आ गई थी और पढाई करती हूँ | मेरी हाईट 5 फुट 8 इंच है और मेरे बोबे का साइज़ 32 है | मेरी कमर 30 है और मेरी गांड 36 की है आप लोग अंदाजा लगा सकते हैं मेरी उभरती जवानी का | मेरा एक सेपरेट रूम है जहाँ मुझे कोई दिक्कत नहीं है और न ही मुझे किसी के ताने पसंद है | वहाँ मुझे कोई बोलने वाला नहीं था | मुझे अपने तरीके से जीना पसंद है | चलो अब मैं आप लोगों को बताती हूँ कि मैं कैसे चुदक्कड़ बनी | चलिए मैं आप लोगों को स्टोरी सुनाती हूँ और उम्मीद करती हूँ कि आप लोगों को मेरी ये कहानी पसंद आयगी |

ये बात तब कि है जब मैं 11 कक्षा की छात्रा थी और मैं कॉमर्स की स्टूडेंट थी तो मुझे पढाई ज्यादा करनी थी नहीं और मैं बस बिंदास जीती थी | मेरे पीछे बहुत सारे लड़के पड़े थे और मुझे चोदना चाहते थे सिर्फ लड़के ही नहीं हमारे स्कूल के सर भी मेरे पीछे पड़े थे | पर मैं किसी को भाव नहीं देती थी क्यूंकि मैं ऐसे ऐरो गैरो से चुदवाना नहीं चाहती थी | फालतू लोगों को अपनी जवानी का स्वाद नहीं चखाना चाहती थी | लोग बेतोड़ कोशिश करते थे मुझे पटाने की पर मैं किसी का भी जवाब नहीं देती थी | सर लोग भी मुझे पटाने के लिए मुझसे कहते थे कि हम तुम्हारे नंबर बढ़ा देंगे तुम्हे पास करवा देंगे |

Sex kahani कॉलेज का मिस्टर फ्रेशर बना चोदु लौंडा

पर मैं कहाँ किसी से पटने वाली थी | उसके बाद मैं जब 12 वी कक्षा में पहुंची तब एक लड़का सावन नाम का नया बंदा ट्रांसफर हो कर आया था मैंने उसे देखा तो मैं उसे देखते ही साथ अपना दिल दे बैठी | क्या हैण्डसम बंदा था यार एक दम शाहरुख़ लगता था ? क्या हाईट थी ? क्या पर्सनालिटी थी उस बन्दे की ?  मुझे वो इतना पसंद आया कि मैं खुद जा कर प्रोपोस करने वाली थी कि याद आया कि मैं उससे कम हूँ क्या ? जो मैं उसे प्रोपोस करूँ वो हैण्डसम है तो मैं भी भरे बदन कि मल्लिका हूँ |

ऐसे ही दिन बीते जा रहे थे वो मुझे ज़रा भी भाव नहीं दे रहा था मेरी एक बेस्ट फ्रेंड है सुप्रिया उसने मुझे एक दिन कहा कि यार मुझे सावन बहुत पसंद है और मैं प्रोपोस करना चाहती हूँ | सुप्रिया एक चुदक्कड़ किस्म कि लड़की थी हमारे स्कूल में वो कई लोगों से चुदवा चुकी थी और मैं नहीं चाहती थी वो ऐसा कुछ करे सावन के साथ क्यूंकि मुझे सावन बहुत पसंद था | पर मैं ये कन्फर्म नहीं थी कि उसकी कोई गर्लफ्रेंड होगी या नहीं | फिर मैंने भी सोचा कि चलो हटाओ आजकल कौन प्यार श्यार के चक्कर में पड़ता है सबको तो आज कल चूत ही चाहिए |

फिर सुप्रिया ने उसे प्रोपोस किया और सवान ने उसे मना कर दिया था ये बात पूरे स्कूल में आग कि तरह फ़ैल गई थी | सुप्रिया कि सब हंसी उड़ा रहे थे मैंने भी मन ही मन में सोचा कि चलो अच्छा ही हुआ एक काँटा तो अलग हुआ | फिर मैंने उसे भाव देना चालू कर दिया था पर डर भी रही थी कि कहीं उसने मुझे भी मना कर दिया तो मेरी सारी अकड़ दो मिनट में मिटटी में मिल जायगी | मैं उसे पटाने का प्लान बनाने लगी थी स्कूल के बाद ही मेरी कोचिंग क्लास रहती थी | तो मैं वहाँ गई तो मैंने देखा कि सावन भी उसी कोचिंग क्लास में आने लगा | उसे वहाँ देख कर मेरी आँखे चमक उठी क्यूंकि हमारी क्लास में बस मैं ही उस कोचिंग क्लास में जाती थी | फिर क्या था मैंने उसे हाय कहा उसने भी हाय किया | फिर मैं अपनी जगह पर जा कर बैठ गई कोचिंग के ख़त्म होने के बाद मैं घर कि तरफ जा रही थी पेदल क्यूंकि वहाँ से मेरा घर ज्यादा दूर नहीं था तभी उसने अपनी गाड़ी मेरे पास ला के रोकी और कहा कि हम तो सेम क्लास में पढ़ते हैं मैं भी जवाब में हाँ कह दिया |

फिर उसने मुझसे पूछा कि मैं तुम्हे घर तक छोड़ दूं क्या ? तो मैंने कहा नहीं मेरा घर बस थोडा सा ही आगे है मैं पैदल चली जाउंगी उस दिन बस उससे उतनी ही बात हुई और फिर मैं घर आ गई मैं बहुत खुश थी उस दिन | अगले दिन मैं स्कूल गई और जैसे ही क्लास में गई तो उसने मुझे हाय कहा मैंने भी उसे हाय किया तो ये देख के सुप्रिया बहुत गुस्सा हो गई और मुझसे बोली कि इसने तुझे हाय क्यूँ किया | तो मैंने बताया कि बस ऐसे ही मैं उसे कोई भी बात नहीं बताना चाहती थी | फिर उसके बाद हमारा लंच हुआ तो मैं अकेले ही बैठी थी बाकि सब अपने में मस्ती कर रहे थे | उतने में सावन मेरे पास आया और कहा कि तुम अकेले ही लंच करती हो क्या ? तो मैंने कहा नहीं असल में मैं अकेले रहना चाह रही थी इस वजह से मैं अभी अकेले बैठी लंच कर रही हूँ |

फिर वो भी मेरे सामने आ कर बैठ गया और हम दोनों बात करते हुए लंच करने लगे | लंच ख़त्म होने के बाद वो अपनी जगह पर चला गया जब क्लास चल रही थी तब तो वो मुझे बार बार देख रहा था मैं भी उसे देख रही थी | मैं समझ चुकि थी कि ये लड़का अब आ रहा है लाइन में  | फिर स्कूल कि छुट्टी के बाद मैं कोचिंग गई तो वो भी बैठा था, उसने मुझसे कहा कि मैं आज बुक लाना भूल गया हूँ तो मैंने कहा कोई बात नहीं तुम मेरे बाजु में आ जाओ साथ में अकाउंट की प्रेक्टिस कर लेंगे | फिर हम दोनों बात भी करते जा रहे थे और और सवाल भी हल करते जा रहे थे | फिर उसके बाद हमने अपने नंबर आपस में बदले और फिर रोज रात में बात करने लगे | अब तो हम रोज रात रात भर बाते करने लगे और धीरे धीरे स्कूल में भी ये बात पता चलने लगी और पूरे स्कूल में अब तो हमारे प्यार के बारे में खबर उड़ चुकि थी |

जब पसंद लड़के हैं तो सेक्स भी लड़कों के साथ ही करेंगे!

एक दिन सावन का जन्मदिन था उसने मुझे कॉल किया कि मैं उससे मिलूं आ कर मेरे घर में पार्टी है | तो मैंने उससे कहा कि अभी तो मैं पापा के साथ थोडा काम से जा रही हूँ मैं शाम तक फ्री हो कर आती हूँ उसने कहा ओके | मैं शाम को 7 बजे फ्री हुई मैंने उसे कॉल किया कि हाँ मैं तुम्हारे घर आ रही हूँ | वो बहुत खुश हो गया था मैंने उसके लिए एक वाइट शर्ट खरीदी थी | मैं उसके घर गई तो मैंने उससे पूछा कि यहाँ तो कोई नहीं है ? तुमने पार्टी के लिए बोला था कहाँ है पार्टी ? तो उसने कहा कि जानेमन पार्टी तो हमारे बीच होगी और उसने मेरी कमर पकड़ के खीच ली अपनी तरफ और सीधा अपने होंठ मेरे होंठ पर रख दिए और किस करने लगा | मैं भी उसका साथ देने लगी फिर उसने मेरे कपडे उतार दिए और उसने अपने भी कपडे उतार दिए |

फिर हम दोनों एक दुसरे को यहाँ वहाँ चूमने लगे फिर चुम्मा चाटी के बाद मैएँ उसके लंड को चूसा | मैंने 20 मिनट तक उसका लंड चूसने के बाद्द उसका वीर्य निकल गया था | मैंने फिर चूस चूस के उसका लंड खड़ा कर दिया | फिर उसने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और मेरे ऊपर आ कर मेरे दूध पीने लगा |

बहुत देर तक दूध पीने के बाद उसने मेरी चूत चाटी वो बहुत प्यार से मेरी चूत चाट रहा था और मैं अहः अहहः अहहहः अहहहः अहहहः अहहहः अहहहहः अहाहहः आराम चाटो न मेरी चूत आहाहहः अहहहहः अहहहहः अहहहहः बहुत मजा आ रहा है | फिर उसके बाद उसने मेरी चूत चौड़ी करके अपना लंड डाल दिया मेरी चूत में मुझे बहुत मजा आ रहा था और मैं अहहः अहहहः और चोदो अहहहहः चूत फाड़ दो मेरे राजा अहहः अहहः अहहः और चोदो अहहहः अहहः फाड़ दो मेरी चूत | अहहः अहहः अहहः अहहहहभ तुम्हरा लंड बहुत प्यारा है | इसकी दीवानी हो गई हूँ अहहहः अहहहः अहहहः आधे घंटे कि चुदाई के बाद उसने मेरी चूत के ऊपर ही अपना वीर्य छोड़ दिया और हम दोनों ऐसे ही लस्त पड़े रहे फिर मैं उठ कर घर गई |

अब हम दोनों रोज चुदाई करने लगे थे | फिर स्कूल के एग्जाम के बाद सब बिछड़ गये थे मैं भी यहाँ अमृतसर आ गई थी मेरा पुराना मोबाइल गुम गया था जिसमे सावन का नंबर था उसके बाद हमारी कभी बात नहीं हुई | मैंने यहाँ आ के बहुत सारे लंड ले चुकी हूँ अब मैं भी एक चुद्दक्कड़ बन चुकी हूँ | मेरा जीवन अब मेरे हिसाब से जी रही हूँ |

दोस्तों कैसी लगी आप लोगो को मेरी ये स्टोरी कमेंट करना | उम्मीद करती हूँ आप लोगो को मेरी स्टोरी पसंद आई होगी |

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दो लंड और बीच में मै | usb-tut.ru //usb-tut.ru/hotsouthindiansex/do-lund-se-chudai/ Fri, 04 Jun 2021 14:55:33 +0000 //usb-tut.ru/hotsouthindiansex/?p=1272 मेरे पति जब ऑफिस से लौटते तो उनके पैर लड़खड़ा रहे होते थे और उनके चेहरे पर थकान रहती थी। यह सब ऑफिस की थकान थी वह काफी ज्यादा थके हुए नजर आते थे। मैं ... (कहानी पढ़िए)

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मेरे पति जब ऑफिस से लौटते तो उनके पैर लड़खड़ा रहे होते थे और उनके चेहरे पर थकान रहती थी। यह सब ऑफिस की थकान थी वह काफी ज्यादा थके हुए नजर आते थे। मैं उनसे कई बार कहती आप ऑफिस क्यों नहीं छोड। आप किसी और जगह क्यों काम नहीं करते लेकिन वह तो जैसे उसी ऑफिस में काम करने के लिए बने थे वह किस जगह और काम करना ही नहीं चहाते थे। Do lund se chudai ka mazaa lene wali thi main.

वहीं पर उन्हें काम करना पसंद था मैं कई बार सोचती कि पता नहीं कुदरत को क्या मंजूर है। मेरी शादी को 5 वर्ष हो चुके थे लेकिन सुधीर और मेरे बीच में सिर्फ हमारे बच्चे को लेकर बात होती रहती थी। हमारे 3 वर्षीय बालक जिसका नाम सोनू है हम दोनों ने बड़े प्यार से उसका नाम सोनू रखा मैं उससे बहुत प्यार करती हूं और उतना ही प्यार सुधीर उससे करते हैं।

सुधीर को उसकी हमेशा चिंता सताती रहती है क्योंकि सुधीर चाहते थे कि वह उसकी अच्छी परवरिश करें वह बड़ा होकर एक बड़ा अधिकारी बने। इस बात से हमेशा सुधीर चिंतित रहते हैं और हर रात वह मुझसे सिर्फ यही बात कहते रहते की मीना कई बार मुझे सोनू की चिंता होने लगती है लेकिन सुधीर को भी पता नहीं था कि  उनकी किस्मत जल्द ही बदलने वाली है।

जब हमें एक दिन हमारे गांव के चाचा ने बताया कि तुम्हारे पिताजी ने एक मकान खरीदा था वह चाहते थे कि उनके मरने के बाद मै तुम्हें यह बात बताऊं। मेरे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था वह क्या बात कर रहे हैं। हम लोगों ने कभी उम्मीद तक नहीं की थी कि उनके पिताजी उनके लिए कभी कोई मकान छोड़कर जाने वाले हैं इस बात से हम दोनों ही खुश थे। चाचा जी ने हमें उस मकान की चाबी दी जब हम लोग वहां पर गए तो हमारी आंखें फटी की फटी रह गई एक आलीशान सा मकान था।

मुझे तो ऐसा लगा जैसे कि हमारी झोली में अचानक से किस्मत की बौछार हो चुकी थी हम दोनों बहुत खुश थे। हम लोगों ने उस मकान में रहने के बारे में सोच लिया और जिस छोटे से घर में हम लोग रहते थे हम लोगों ने वह बेच दिया।

अब हम लोग एक अच्छी सोसाइटी में रहते थे हमारे पास पैसे आ चुके थे जिससे कि हम लोगों ने अपनी जरूरतों के सामान खरीदना शुरू कर दिया। सोनू अब 5 वर्ष का हो चुका था हमने उसका दाखिला एक अंग्रेजी मीडियम में करवा दिया था। मैं उसे सुबह के वक्त स्कूल छोड़ने जाया करती थी सुधीर ने भी अब अपना खुद का ही बिजनेस शुरू कर लिया उन्हें बिजनेस में भी मुनाफा होने लगा था।

हम लोगों की किस्मत तीन-चार वर्षों में पूरी तरीके से बदल चुकी थी इस बात से मैं और सुधीर बहुत खुश थे लेकिन सुधीर के अंदर अब भी पहले जैसा ही भोलापन था, वह अब भी उतने ही सीधे थे जितने पहले थे। वह बिल्कुल भी नहीं बदले थे लेकिन मेरे अंदर बदलाव आने लगा था शायद यह बदलाव इस वजह से था कि हम लोग एक अच्छी सोसाइटी में रहने लगे थे और हम लोग अब पहले से बेहतर जिंदगी जी पा रहे थे।

एक दिन हमारे पास चाचा आए और वह कहने लगे सुधीर बेटा सब कुछ ठीक तो चल रहा है ना। सुधीर ने बड़ी ही शालीनता से जवाब दिया और कहां पिताजी ने मेरे लिए इतना कुछ किया मैं जिंदगी भर यह सोचता रहा मेरे जीवन मे कुछ भी नहीं है। मुझे कभी उम्मीद तक नहीं थी कि पिताजी मेरे लिए इतनी बड़ी संपत्ति छोड़ कर चले जाएंगे उन्होंने मुझे इस बारे में क्यों नहीं बताया? चाचा ने उस दिन जवाब दिया और कहा बेटा वह चाहते थे कि तुम मेहनत करो और अपने बलबूते ही कुछ करो लेकिन जब सही समय आया तो मुझे लगा मुझे तुम्हें तुम्हारे हक को देना चाहिए और उस घर का मालिकाना हक तुम्हारा ही है मैंने तुम्हें उस घर की चाबी दे दी यह घर तुम्हारा है।

सोनू भी अच्छी स्कूल में पढ़ता था और सब कुछ बड़े ही अच्छे से चल रहा था लेकिन इसी बीच एक दिन हमारे पड़ोस में रहने वाली भाभी का मेरे साथ झगड़ा हो गया। जब उनसे मेरा झगड़ा हुआ तो मुझे नहीं मालूम था कि वह बड़ी ही गलत प्रवृत्ति की महिला हैं मैं उन्हें हमेशा ही अच्छा समझती थी लेकिन मेरे झगड़े का कारण सिर्फ यही था कि उन्होंने मेरी बुराई हमारे ही पड़ोस में रहने वाली एक महिला से कर दी।

जब उन्होंने मेरे बारे में गलत कहा तो मुझे यह बात बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हुई और मैंने उनसे इस बारे में पूछा तो वह कोई जवाब ना दे सकी। मुझे उनसे बात करने का बिल्कुल भी मन नहीं था परंतु मुझे क्या मालूम था कि वह बड़ी ही गलत प्रवृत्ति की महिला हैं वह अपने दिल ही दिल में ना जाने मेरे लिए क्या सोचती हैं। एक दिन उन्होंने अपने कुत्ते को खुला छोड़ दिया जिससे कि मैं जब सोनू को स्कूल लेकर जा रही थी तो उनका कुत्ता मेरे ऊपर झपटा जिससे कि उसने मुझे जख्मी कर दिया।

मुझे यह बात तो पता थी कि यह सब उन्होंने ही किया है मैं भाभी को बिल्कुल भी माफ नहीं करने वाली थी और मैं यह चाहती थी कि उनके साथ में ऐसा ही कुछ करूं जिसे उन्हे इस बात का अंदाजा हो जाए की किसी के साथ कभी भी गलत नहीं करना चाहिए। मैं भाभी के साथ बदला लेना चाहती थी उससे पहले मुझे अपने जख्मों को ठीक करना था क्योंकि उनके कुत्ते ने मुझे काट लिया था मुझे अस्पताल जाना पड़ा और वहां पर मैंने इंजेक्शन लगवा लिए।

मेरे पति ने जब मुझसे पूछा था कि कैसे यह सब हुआ तो मैंने उन्हें बता दिया कि यह सब माला भाभी की वजह से हुआ है उन्होंने जानबूझकर अपने कुत्ते को खुला छोड़ दिया था जिससे कि वह मेरे ऊपर झपट पड़ा और जिस वजह से मैं जख्मी हो गई।

Group – सैक्स – एक चुदाई कथा

मै ठीक होने लगी थी मैं सोचने लगी कैसे मैं भाभी के साथ भी ऐसा ही करूं मैं उनके घर के आसपास हर रोज जाया करती लेकिन उनका कुत्ता घर के बाहर ही बैठा रहता था। एक दिन मैंने गेट खोल दिया तो उनका पालतू कुत्ता घर से भाग गया उसके बाद ना जाने वह कहां चला गया आज तक उसका कोई पता नहीं चला। माला भाभी इस बात से दुखी थी उनका कुत्ता कहां चला गया उन्हें अपने पालतू कुत्ते से बड़ा लगाव था लेकिन अब वह कभी आने ही नहीं वाला था।

वह इस बात से बहुत दुखी हो गई थी मैं इस बात से बहुत खुश थी कि उनका पालतू कुत्ता अब घर से भाग चुका है वह कभी वापस नहीं आने वाला है। भाभी को मुझ पर पूरा शक था यह सब मैने किया है लेकिन उनके पास कोई भी यह कहने वाला नहीं था कि मैंने ही यह सब किया है। माला भाभी के बारे मे मुझे बड़ी जानकारी मिली यह बात मुझे उस वक्त पता चली जब मैं भाभी के घर पर एक रात देख रही थी तो मैंने देखा वहां पर कुछ लोग आए हुए हैं और वह घर के अंदर चले गए।

मैं यह देख कर चौक गई क्योंकि रात का वक्त था और अंधेरा भी काफी हो रहा था मेरी समझ में नहीं आया कि वह लोग कौन है। मैं जब उस अंधेरे में अपने घर के गेट से बाहर निकल कर गई तो भाभी के दरवाजे की तरफ गई। मैंने देखा भाभी को दो-तीन लोग मिलकर चोद रहे हैं और उनके अंदर की इच्छा को शांत कर रहे हैं। भाभी ने किसी के लंड को अपने मुंह में ले रखा था और कोई भाभी की चूत मार रहा था लेकिन भाभी तो गांड मरवाने की शौकिन भी निकली।

उन्होंने अपने गांड के मजे भी उन लोगों को दिए मैं यह सब अपनी आंखों से देखती रही मेरी योनि से भी पानी टपकने लगा था मुझे भी मजा आने लगा। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर मै कैसे भाभी से इस बारे में जिक्र करूं क्योंकि वह तो मुझसे नफरत करती थी।

मैंने उनसे बात करना शुरू किया तो वह भी मुझसे अपने सारे गिले-शिकवे भूला कर बात करने लगी। मैंने भाभी से इच्छा जाहिर की और कहा मैंने एक दिन आपको और आपके आशिकों को देखा था उन्होंने आप की रेल बना कर रख दी थी वैसा ही मैं भी कुछ चाहती हूं क्या ऐसा करने में मजा आता है। भाभी ने अपने विचार मेरे सामने रखे और कहने लगी तुम एक बार ऐसा कर के तो देखो तुम्हें आनंद आ जाएगा यदि तुम्हें मजा नहीं आया तो तुम मेरा नाम बदल देना।

भाभी की बातों में दम था मैंने उनकी बात मान ली उन्होंने मेरे लिए सारी व्यवस्था की और अपने घर पर एक दिन उन्होंने 2 लोगों को बुला लिया। पहले तो वह लोग भाभी को चोदते रहे और जब वह पूरी तरीके से संतुष्ट हो गए तो मेरी योनि को चाटना जारी रखा। एक का लंड में अपने मुंह में ले रही थी मुझे सेक्स का असली आनंद आ रहा था मेरी गर्मी पर बढ़ती जा रही थी।

मेरी उत्तेजना पूरी चरम सीमा पर पहुंच चुकी थी और उसी बीच एक व्यक्ति ने मेरे दोनों पैरों को खोलते हुए मेरी गीली हो चुकी चूत के अंदर अपने काले लंड को प्रवेश करवा दिया जैसे ही लंड मेरी योनि में प्रवेश हुआ तो मैं चिल्ला उठी और मुझे बहुत ज्यादा दर्द होने लगा लेकिन मुझे मजा भी आ रहा था। काफी देर तक ऐसा ही चलता रहा जब दूसरे ने मेरी गांड मारनी शुरू की तो मेरे मुंह से चीख निकलने लगा।

उसने मेरी बड़ी चूतड़ों को ऐसे पकड़ा हुआ था जैसे कि मै उसकी माल हूं। उस व्यक्ति ने मेरी गांड से खून निकाल दिया मैं दूसरे के कड़क और मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग कर रही थी जिससे कि मेरे अंदर अब भी उतना ही जोश बरकरार था लेकिन जब मेरी गांड के अंदर वीर्य की पिचकारी गई तो मैं पूरी तरीके से संतुष्ट हो चुकी थी। दूसरे व्यक्ति ने मेरे मुंह पर अपने वीर्य की बूंदों को गिरा दिया कुछ बूंदे मेरे मुंह के अंदर भी जा चुकी थी।

मुझे ऐसा लगा जैसे कि मैं पूरी तरीके से तरोताजा हो चुकी हूं उसके बाद तो भाभी ने ना जाने कितनी बार उन लोगों को घर पर बुलाया भाभी और मैंने पूरे मजे लिए। अब भाभी से मेरी कोई दुश्मनी नहीं है हम दोनों की बहुत अच्छी बनती है।

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कॉलेज का मिस्टर फ्रेशर बना चोदु लौंडा | usb-tut.ru //usb-tut.ru/hotsouthindiansex/college-me-chodu-launda/ Tue, 06 Apr 2021 01:25:06 +0000 //usb-tut.ru/hotsouthindiansex/?p=1178 हाय दोस्तों आज में आप सभी को अपनी लाइफ कि सबसे अच्छी स्टोरी बताने जा रहा हूँ | मुझे पता है कि आप सभी को यह स्टोरी पढ़कर बहुत मजा आयेगा | दोस्तों अब बिना ... (कहानी पढ़िए)

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हाय दोस्तों आज में आप सभी को अपनी लाइफ कि सबसे अच्छी स्टोरी बताने जा रहा हूँ | मुझे पता है कि आप सभी को यह स्टोरी पढ़कर बहुत मजा आयेगा | दोस्तों अब बिना समय लिए में अपनी स्टोरी पर आता हूँ | दोस्तों मेरा नाम मोहित है और में जबलपुर शहर का रहने वाला हूँ | मेरी ऐज ३० साल है और लम्बाई 5 फुट २ इंच है | मेरी पढाई पूरी होने के बाद गोवा में मेरी जॉब लग गई और मैं गोवा चला गया |

दोस्तों मेरे घर पर मम्मी पापा और दो भाई सब कुछ सँभालते हैं | वो सभी जबलपुर में ही रहते है |

Chodu lavda ka kamaal padhiye

दोस्तों मेरी १२ वी क्लास कम्पलीट होने के बाद ग्रज़ुएशन कम्पलीट करने के लिए मैंने कॉलेज में एडमीशन लिया | उसके बाद मैं पहले दिन कॉलेज गया और जब में अपनी क्लास में पंहुचा तो क्लास पर बहुत सारे बॉयज एंड गर्ल्स थे |वो सभी लोग अपनी अपनी डेस्क पर बैठे हुए थे और फिर उसके बाद मैं भी पीछे वाली खाली लास्ट डेस्क पर जाकर बैठ गया | उस समय कॉलेज में मेरा कोई भी फ्रेंड नहीं था |

फिर उसके दो या तीन दिन तक मैं अकेला ही क्लास में बैठा रहता था उस समय मेरी किसी से भी उतनी बातचीत नहीं थी | फिर उसके बाद जब दूसरे दिन कॉलेज आया तो पता चला कि हम लोगो की कुछ दिन बाद फ्रेशर पार्टी होने वाली है | जब क्लास में मैं गया तो सर ने सभी लोगो को बताया कि फ्रेशर पार्टी में हम सभी स्टूडेंट्स को डांस सिंगिंग और एक्टिंग में पार्टीसिपेट करना है |

इस प्रतियोगिता में जो भी फर्स्ट आयेगा वो इस कॉलेज का मिस फ्रेशर एंड मिस्टर फ्रेशर होगा | फिर उसके बाद सर ने सभी लोगो के नाम लिखे कि किस किस को इस प्रतियोगिता में भाग लेना है | फिर उसके बाद सभी लोगो ने अपने अपने नाम सिंगिंग और डांसिंग में सर के पास लिखवा दिए | उसके बाद मैंने  भी डांस में सर के पास अपना नाम लिखा दिया था | फिर उसके बाद सभी लोग अपनी अपनी डांस और सिंगिंग की प्रैक्टिस में लग गए |

फिर उसके बाद कॉलेज कि छुट्टी हो गई और मैं घर चला गया और फिर दूसरे दिन जब में कॉलेज आया तो क्लास का लेक्चर ख़तम होने के बाद सभी लोग प्रैक्टिस करने लगे और मैं भी एक खाली रूम में जाकर अपने डांस की प्रैक्टिस करने लगा | मेरी क्लास की बहुत सी गर्ल्स ने डांस में भाग लिया था | वो सभी गर्ल्स अपने अपने पाट्नर के साथ डांस करने वाली थी | और उन सभी गर्ल्स में से एक ऐसी थी कि उसे डांस करने के लिए कोई पाट्नर नहीं मिल रहा था |

Chodu giri me mera koi jawaab nahi

उसे डांस करने के लिए एक लड़के की जरुरत थी और उसका नाम आरती ठाकुर था | वो रीवा की रहने वाली थी और बहुत ही खूबसूरत थी और बहुत सेक्सी भी थी | मैं तरीके से अप्नितैयारी में भिड़ा हुआ था और मुझे कुछ अता पता नहीं था | क्योकि मैंने सोलो डांस में अपना नाम लिखाया था | फिर उसके बाद आरती ने मुझे डांस प्रेक्टिस करते हुए देख लिया मैं एक खाली रूम में प्रैक्टिस कर रहा था जैसा कि आपको पता है | वो मेरे पास आई और मुझसे हाय किया और मेरा नाम पूछने लगी | मैंने भी आरती से हाय किया और अपना नाम बताया |

फिर उसके बाद वो मुझसे बोलने लगी कि तुम डांस बहुत अच्छा करते हो… फिर मैंने आरती को थैंक्स वोला | आरती ने मुझसे बातों बातो में कहा क्या तुम मेरे डांस पार्टनर बनोगे मुझे एक डांस पाट्नर कि जरुरत है ? मैंने थोडा सा सोचा और उसे डांस पार्टनर बनने के लिए हाँ कह दिया | वो यह सुनकर बहुत खुश हो गई थी और मुझे देखकर स्माइल करने लगी और फिर इसके बाद हमारी दोस्ती हो गई |

हम दोनों रोज़ साथ में डांस प्रक्टिस करने लगे वो कमाल का नाचती थी पर फिर भी उसे बहुत तैयारी कि ज़रूरत थी जिसमे मैं उसकी मदद करता था | करीब १५ दिन लगे होंगे पर हमारी प्रैक्टिस इतनी अच्छी हो गयी थी कि क्या बताऊँ | दूसरे दिन हम दोनों का डांस था | फिर जब कॉलेज में फ्रेशर पार्टी में हम सभी लोगो ने डांस किया और कॉलेज के सभी सर और मेडम को मेरा और आरती का डांस बहुत अच्छा लगा |

हम दोनों का इस डांस प्रतियोगिता में फर्स्ट नंबर लगा और आरती मिस फ्रेशर बन गई और में मिस्टर फ्रेशर | मिस फ्रेशर बनने के बाद आरती बहुत खुश हो गई थी | फिर उसके बाद हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए और हमेशा क्लास पर हम दोनों साथ में बैठते थे | इस चीज़ से एक काम अच्छा हुआ वो ये कि हमारी फ़ोन पे भी बात होने लगी थी | वो रोज मेरे लिए टिफिन बना कर लाया करती थी क्यूंकि मैं टिफिन लेकर नहीं आता था |

हम दोनों रोज लंच में साथ में खाना खाते थे और बहुत मस्ती करते थे | मैं आरती को धीरे धीरे बहुत पसंद करने लगा था और फिर मैंने एक दिन आरती से बोल दिया कि …..आरती में तुमको बहुत पसंद करता हूँ और बहुत प्यार भी करता हूँ | आरती यह सुनकर स्माइल करने लगी और कहने लगी कि में भी तुमको बहुत पसंद करती हूँ और प्यार भी |

Jawan ladki ko chodu ye meri vasna hai

फिर हम दोनों गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड बन गए और हम दोनों बहुत खुश थे क्यूंकि प्यार सच्चा था | हम दोनों रोज कही न कही घूमने जाते रहते थे | इसी महीने में उसका जन्मदिन था और मैंने उसके लिए कुछ सोचा था | मैंने उस दिन उसे सबसे पहले विश किया वो बहुत खुश हो गई थी और फिर आरती ने मुझे शाम को अपने रूम बुलाया बर्थडे सेलीब्रैट करने के लिए |

फिर मैं शाम को आरती के रूम गया और जब मैंने आरती को देखा तो आरती बहुत सेक्सी लग रही थी | उसने जीन्स और टीशर्ट और उपर से जैकेट पहनी हुई थी | आरती के लिप्स इतने मस्त लग रहे थे कि लग रहा थे कि लग रहा था कि पकड़ कर किस कर लूँ | मुझे तो बस आरती को चोदने का मन कर रहा था | हमने थोड़ी देर बाद आरती का बर्थडे मनाया केक कटवाया और उसे अपने हाथो से केक खिलाया |

आरती बहुत खुश थी फिर आरती ने मुझसे बर्थडे गिफ्ट माँगा ……तो मने आरती से बोला क्या गिफ्ट चाहिए तुम्हे बताओ तो उसने मुझसे गिफ्ट में किस मांगी | मैं यह सुनकर ख़ुशी से मचल रहा था | फिर मैंने आरती को किस किया और आरती भी मुझे किस करने लगी और वो लगातार करे जा रही थी | उस समय मेरा लंड खड़ा हो चुका था और बस चोदने का मन कर रहा था | मुझसे बिलकुल रहा नहीं जा रहा था |

फिर मैंने आरती को चोदने का सोच लिया और फिर किस करते करते आरती को दिवार पर टिका कर उसे बोला आरती आज मैं तुम्हे चोदना भी चाहता हूँ | यह बात सुनकर आरती खुश हो गई और चुदने के लिए तैयार हो गई | फिर मैं पूरी रात आरती के रूम में रुका था उसे चोदने के लिए | हम दोनों एक दूसरे को किस करने में मगन थे और मैंने आरती के पूरे कपडे उतार दिए और आरती ने भी मेरे कपडे उतार दिए थे |

फिर मने आरती को पलंग में लिटाया और आरती के पुरे गोरे बदन को चूमने लगा और आरती के मस्त गोरे गोरे दूधों को अपने हाथो से दबाने लगा आरती को बहुत मजा आ रहा था वो मुझसे बार बार दूध दबाने को बोल रही थी | थोड़ी देर बाद मैं आरती के दूध पीने लगा मुझे आरती के दूध पीने में बहुत मजा आ रहा था | फिर आरती मेरा लंड पकड़कर हिलाने लगी और अपनी गांड में घुसाने कि कोशिश करने लगी और चोदने को कहने लगी |

Uski geeli choot chodu aur gand maaru

,मैं तो आरती को चूमे जा रहा था और फिर मैंने अपना लंड आरती कि गांड में डाला और चोदने लगा | जेसे ही मैंने अपना लंड आरती कि गांड में डाला वो आह्ह आह्ह ऊह्ह उह्ह्ह करने लगी | मैं तो आरती को चोदे जा रहा था मुझे आरती को चोदने में बहुत मजा आ रहा था | आरती को भी बहुत मजा आ रहा था | पूरी रात आरती मुझसे चुदती रही और चोदते चोदते सुबह हो गई और हम दोनों बहुत थक गए थे |

फिर आरती को चोदने के बाद मैं उसके रूम से वापस आ गया | मैं रोज आरती को लेने उसके रूम जाता था कॉलेज जाने के लिए | कॉलेज की छुट्टी होने के बाद उसे उसके रूम छोड़ने भी जाता था और मैं हमेशा आरती को उसके रूम में जाकर चोदते रहता था | जब भी मन करता था उसे चोदने का और वो कभी मुझे मना नहीं करती थी | आरती को जब मैं चोदता था तो वो बहुत खुश होती थी और हमेशा मुझे अपने रूम चुदाने के लिए बुलाती रहती थी |

तो दोस्तों ये थी मेरी खुशकिस्मती भरी चुदाई की कहानी | आशा है आप लोगों को जरुर पसंद आई होगी | अपनी राय कमेंट करके जरुर बताइयेगा |

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सैक्स – एक चुदाई कथा | usb-tut.ru //usb-tut.ru/hotsouthindiansex/%e0%a4%b8%e0%a5%88%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b8-%e0%a4%8f%e0%a4%95-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%88-%e0%a4%95%e0%a4%a5%e0%a4%be/ Thu, 18 Feb 2021 15:29:05 +0000 //usb-tut.ru/hotsouthindiansex/%e0%a4%b8%e0%a5%88%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b8-%e0%a4%8f%e0%a4%95-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%88-%e0%a4%95%e0%a4%a5%e0%a4%be/ हैल्लो दोस्तों मेरा नाम है आकाश और मैं गुडगाँव का रहने वाला हूँ | मेरी कहानी का टाइटल पढ़कर आप समझ गए होंगे मैं अक्षय कुमार का बहुत बड़ा फैन हूँ और उन्ही की तरह ... (कहानी पढ़िए)

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हैल्लो दोस्तों मेरा नाम है आकाश और मैं गुडगाँव का रहने वाला हूँ | मेरी कहानी का टाइटल पढ़कर आप समझ गए होंगे मैं अक्षय कुमार का बहुत बड़ा फैन हूँ और उन्ही की तरह मेरी भी अपनी पत्नी से गांड फटती है | मेरी शादी को तीन साल हो चुके हैं और मेरा एक बेटा है | मैं अपनी पत्नी से बहुत परेशान रहता था और मुझे लगता था कि मेरी परेशानियां कभी ख़त्म नहीं होंगी लेकिन ऊपर वाला सब देखता है और उसने मेरी ज़िन्दगी में एक सुन्दर सा तौफा भेजा मेरी असिस्टेंट | जब से वो मेरी ज़िन्दगी में आई है मैं बहुत खुश रहता हूँ | चलिए अब मैं आपको पूरी बात बताता हूँ |
ये बात है एक साल पहले की जब मेरा प्रमोशन हुआ और मेरा काम बढ़ गया और बॉस ने मेरे लिए एक नई असिस्टेंट भर्ती की | एक दिन सर ने मुझे अपने केबिन में बुलाया और कहा तुम्हारा काम बढ़ गया है तुम्हें एक असिस्टेंट चाहिए होगी | मेरा और सर का हंसी मज़ाक चलता है तो मैं उनसे कहा सर छोडो असिस्टेंट मुझे थोड़े ज्यादा पैसे दे देना सब मैं ही कर लूँगा | तो सर ने कहा ठीक है मैं उससे बोल देता हूँ तो मैंने कहा हाँ ठीक है सर बोल दीजिये | तो सर ने फ़ोन लगाया और कहा निधि को अन्दर भेजो | मैंने जैसे ही निधि नाम सुना मुझे लगा कोई ऐसी वैसी लड़की होगी जो दिखने में कुछ ख़ास नहीं होगी | लेकिन जैसे ही वो अन्दर आई और मैंने उसको देखा तो मैं बस देखता रह गया |
वो बेहद गोरी थी बिलकुल चिकना चेहरा लम्बे और सीधे बाल | उसने ब्लेजर पहना था और नीचे स्कर्ट और वो बिलकुल किस हीरोइन जैसी लग रही थी | तो सर ने कहा देखो तुम्हें इनके असिस्टेंट के सेलेक्ट किया गया था लेकिन तो मैंने बीच में टोंक दिया और कहा तो आप सेलेक्ट हो गई हैं और आपको मेरी असिस्टेंट का काम करना पड़ेगा क्या आपको कोई प्रॉब्लम है ? तो सर मेरी तरफ घूर के देखने लगे और हलके हलके से मुस्कुराने लगे तो मुझे लगा सर समझ गए | तो सर ने कहा ठीक है जाओ सर के केबिन में और काम समझ लो | फिर वो मेरे साथ मेरे केबिन में आई और मैं उसको काम समझाया | मैंने उसको अपना नंबर दिया और कहा जो भी प्रॉब्लम हो मुझे फ़ोन लगा लेना |
वो लड़की बहुत मेहनती थी और बहुत लगन से काम करती थी और मैं सिर्फ उसको काम करते देखता रहता था | मुझे उसके बहुत फ़ोन आते थे और मेरी पत्नी मुझपे बहुत शक करती थी लेकिन मैं उसकी बात पर ध्यान नहीं देता था | एक दिन मैंने ऑफिस से छुट्टी ली थी और उसको फाइल में साइन चाहिए थे तो मैंने उससे कहा मेरे घर आ जाओ और उसको घर का पता बता दिया | वो ढूंढते ढूंढते मेरे घर आ गई और आके मेरे पास बैठ गई | मेरी पत्नी अन्दर थी और उसने उसको देखा नहीं था इसलिए उसने मुझे अन्दर से आवाज़ लगाई और कहा ज़रा इधर आना | तो मैंने कहा अभी मैं काम कर रहा हूँ तो पता नहीं उसको क्या हुआ वो मुझे चिल्लाने लगी और उल्टा सीधा बोलने लगी | अब मैं अपनी असिस्टेंट से आँखें नहीं मिला पा रहा था और थोड़ी देर में वो बाहर आई और उसने उसको देखा तो शांत हो गई |
अब अगले दिन मैं ऑफिस में बैठा था और काम कर रहा था तभी निधि अन्दर आई और मेरे पास बैठ गई | मैं उसकी तरफ नहीं देख रहा था तो उसने मुझसे कहा सर कल के लिए आई एम सॉरी तो मैंने कहा तुम क्यों सॉरी बोल रही हो ? तो उसने कहा अगर मैं नहीं आती तो मैडम आपको इतना सब नहीं बोलती | तो मैंने कहा नहीं तुम्हारी गलती नहीं छोडो इन सब बातों को | तो उसने मेरा हाँथ पकड़ा और कहा सर मुझे कल बहुत बुरा लगा तो मेरे अन्दर का शैतान जग गया और मैंने अपन शैतानी दिमाग चलाना शुरू कर दिया | फिर मैंने उसको हाँथ के ऊपर हाँथ रखा और कहा सिर्फ तुम समझ सकती हो मुझे और मैं रोने धोने वाली बातें करने लगा और वो मेरी बातों में आ गई और मैंने उसको गले लगा लिया | उसकी आँखों में आंसू आ गए थे और वो मेरे गले लग कर रोने लगी |
मुझे उसकी सहानुभूति मिल चुकी थी बस अब मेरा उसको प्रोपोस करना बाकी था तो मैंने फिर कुछ दर्द भरी बातें की और उससे कहा देखो मुझे सिर्फ तुम ही समझ पाती और मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ और मुझे लगता है मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ | तो उसने कहा सर आप शादीशुदा है और आपका एक बेटा भी है | तो मैंने कहा मैं सिर्फ तुम्हें मेरा हमदर्द बनने को कह रहा हूँ | तो उसने मेरा हाँथ पकड़ा और चूम लिया और कहा मैं आपके लिए कुछ भी बनने को तैयार हूँ | अब मैं बात चुदाई की तरफ मोड़ना शुरू की और कहा मेरे पत्नी मुझे मारती है और खुद को हाँथ लगाने भी नहीं देती मेरी भी कुछ ज़रूरतें है | तो उसने कहा सर आपकी जो भी ज़रूरत है मुझसे बताईये मैं पूरा करुँगी |
तो मैंने कहा नहीं तुम्हारे साथ मैं कैसे कुछ कर सकता हूँ ? तो उसने कहा सर कोई बात नहीं सिर्फ वही तो करना है | तो मैंने उससे कहा क्या तुम सच में तैयार हो ? तो उसने सिर हिलाते हुए कहा हाँ क्यों नहीं | तो मैंने बिलकुल भी देर नहीं लगाई और उससे कहा चलो एक जगह चलते हैं | मेरा शहर के बहार एक घर था जहाँ मैं छुट्टियों में जाया करता था और मैं उसको लेकर वहां पहुँच गया | मैं उसको लेकर अन्दर गया और फर्स्ट फ्लोर पर एक कमरे में ले जा कर उसे बिस्तर पर बैठा दिया | वो बिस्तर पर बैठ गयी और कहने लगी अब क्या सर ? तो मैं उसके करीब गया और धीरे से उसको होंठों को चूम लिया |
जैसे ही मैंने उसको किस किया वो शर्मा गयी तो मैंने उसका मुंह ऊपर किया और फिर से उसको किस करना शुरू कर दिया | मैं उसके होंठों को चुसे जा रहा था और उसकी स्ट्रॉबेरी वाली लिपस्टिक का स्वाद ले रहा था | फिर मैंने उसको होंठों को चूमते हुए नीचे आया और उसके गले को चूमने लगा और वो ठंडी आहें भरने लगी | फिर मैंने उसके गले को चूमता रहा और शर्ट के ऊपर से उसके दूध दबाने लगा | फिर मैंने उसका ब्लेजर उतारा और शर्ट के बटन खोल दिए और ब्रा ऊपर करके उसके दूध दबाने लगा | फिर मैंने उसकी शर्ट और ब्रा भी उतार दी और उसका एक दूध दबाते हुए दूसरा दूध चूसने लगा | उसके दूध बहुत गोरे थे और निप्पल थोड़े थोड़े ब्राउन थे | फिर मैंने उसके दोनों दूध को साथ में पकड़ा और दोनों को साथ में चाटने लगा और वो उम्म्म्म उम्म्म्मम्म ऊह्ह्ह्हह्ह ऊम्म्म्म ईह्ह्ह्हह करने लगी |
उसने स्कर्ट पहनी थी और मैंने नीचे से उसकी स्कर्ट में हाँथ डाला और उसकी चूत पर उंगलियाँ फिराने लगा | फिर उसको एकदम से जोश चढ़ गया और उसने मुझे खड़ा कर दिया और मेरी पेंट खोलकर मेरे लंड को पकड़ हिलाने लगी | उसने मेरा लंड ऊपर से पकड़ा और बहुत जोर जोर से हिलाने लगी और जिससे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था | फिर उसने मेरा लंड चुसना शुरू किया और थोड़ी देर में मेरा माल उसके मुंह में झड गया | फिर मैंने उसको बिस्तर पर लिटाया और उसकी स्कर्ट ऊपर करके उसकी पैंटी उतार दी और उसकी चूत चाटने लगा | उसकी चूत में बिलकुल भी बाल नहीं थे जैसे कि आज ही साफ़ की हो |
फिर उसकी चूत चाटते चाटते मेरा लंड भी खड़ा होने लगा और थोड़ी देर में पूरा तन के खड़ा हो गया | फिर मैंने खड़ा हुआ और उसकी चूत पर लंड रखकर घिसने लगा | वो ईइस्स्स्स स्स्स्सस्स्स्स इस्स्स्सस कर रही थी और हवस भरी निगाहों से मुझे देख रही थी | फिर मैंने उसकी चूत में लंड घुसा दिया और उसकी एकदम से चीख निकल गई | फिर मैंने धीरे धीरे उसकी चूत में लंड अन्दर बाहर और वो आअह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह आह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह करती रही और थोड़ी देर बाद मैंने जोर जोर के झटके मारना शुरू कर दिए | अब वो दर्द भरी आवाज़ में अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह्ह ईह्ह्ह्हह हां हां हाँ आह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह और और और अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह कर रही थी |
फिर मैं बिस्तर पर लेट गया और वो मेरे लंड के ऊपर बैठ कर उचकने लगी | वो 10 मिनिट तक मेरे ऊपर उचकती रही और फिर थक के लेट गयी और मैंने लेटे लेटे उसको 5 मिनिट और चोदा और फिर मेरा मुट्ठ निकला और मैंने सारा मुट्ठ उसकी चूत के ऊपर गिरा दिया | फिर हम दोनों चिपक कर लेट गए और थोड़ी तक बाद सो गए और फिर जब उठे तो हमने फिर से चुदाई की और थोड़ी देर बाद हम दोनों अपने अपने घर चले गए | अब जब भी मेरा मन मेरी पत्नी की वजह से ख़राब होता है तो मैं उसके पास चला जाता हूँ और वो मेरी सारी टेंशन भगा देती है |

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