दीदी के कारनामे – 2

मैं हाज़िर हूँ अपनी हिंदी सेक्स कहानी ‘दीदी के कारनामे’ का अगला हिस्सा लेकर ! उस दिन दीदी को उस दर्ज़ी से चुदते देख कर मैं यह तो समझ ही गया था कि मेरी यह सीधी और बहुत शरीफ बनने वाली बहन अंदर से बहुत बड़ी छीनाल है।घर आने के बाद मैंने कई बार मुठ मारी लेकिन मेरा लंड बैठने का नाम नहीं ले रहा था, मैं बहुत बेचैन हो गया था, मेरे आने के करीब 2 घंटे बाद दीदी वापिस आई ! यह देख मुझे लगा कि लगता है दीदी कई बार चुदी है आज !

Mastram sex story – दीदी के कारनामे – 1

दीदी की शक्ल पर आज अलग ही खुशी छलक रही थी।

खैर तीन दिनों बाद दीदी अपने घर चली गई और क्यूंकि मेरे पास कोई इंपॉर्टेंट काम नहीं था तो मैं कुछ और दिन के लिए गाँव में रुकने का फ़ैसला किया। और तभी मैंने कुछ सोचा और अपनी दीदी के घर (शहर में) जाने का फ़ैसला किया..

अब तक मैं यह तो समझ गया था कि मेरी दीदी यहाँ 5 दिन बिना चुदे नहीं रह पाई तो अपनी ससुराल में भी कई लंड पटा रखे होंगे।
तो मैं चल दिया अपनी रंडी बहन के राज खोलने..

अपने लंड पकड़ लो दोस्तो इस बार जो सुनने वाला हूँ उससे आपकी चूत से नदियाँ बहेंगी और लंड फट पड़ेंगे..

अगली सुबह 11 बजे मैं दीदी के घर पहुँच गया। दीदी मुझसे देखते ही कुछ चौंकी और अचानक मेरे आने के बारे में पूछा तो मैंने बोला कि शादी में आपसे मिल ही नहीं पाया अच्छे से तो सोचा कुछ समय आपके घर पर बिता कर वापिस घर जाऊँ।

दीदी के चेहरा थोड़ा सा उतरा मेरी बात सुनकर, लेकिन वो खुशी जाहिर कर रही थी ऊपर से।

अरे मैं तो यह बताना ही भूल गया कि जब मैं घर में घुसा तो दीदी को देखकर मेरा पप्पू पैंट के अंदर ही कूदने लगा.. क्या बला की खूबसूरत लग रही थी मेरी दीदी !

दीदी गुलाबी रंग की साड़ी में थी, पेट के काफ़ी नीचे बाँधी हुई थी साड़ी ! ओह ! हल्का भूरा…एकदम पतला सा पेट, मुलायम, उस पर दीदी का कसा हुआ ब्लाऊज, बहुत सेक्सी लग रहा था..

जब दीदी ने मेरे लिए पानी लाकर रखा तो क्या साइड का नज़ारा देखा..

मेरा अपना ही लंड अपनी बहन के कामुक शरीर को भोगने की चाहत पालने लगा था।

उसका चाय रखना, घर में इधर उधर चलना, पूरी काम की देवी लग रही थी !

आज दीदी बहुत ज़्यादा सजी संवरी लग रही थी। मुझे कुछ हैरानी तो हुई कि क्या दीदी हर दिन इतनी चिकनी चमेली बनी रहती हैं?
या आज कुछ स्पेशल होने वाला है !

मेरे मन में लड्डू फूटने लगे.. ऐसा लगा कि आते ही लॉटरी लग गई।

अब थोड़ा घर के बारे में बता दूँ.. दीदी एक शहर में किराए की मकान में रहती थी, 2 कमरों का घर था। जीजाजी दूर एक फ़ैक्टरी में सुपरवाइज़र थे, तो सुबह 7 बजे निकलना और रात में देर 10 बजे तक आते थे। यह मुझे वहाँ रहने के बाद पता चला।

मैं अब आराम करने के लिए बगल वाले कमरे में चला गया और यही सोचता रहा कि मेरी बहन आज इतना सजी संवरी क्यूँ है.. कहीं आज कुछ होने वाला है क्या ! अजीब अजीब ख्याल आ रहे थे..

और ख्यालों में मेरी बहन एक बड़े शरीर वाले आदमी के नीचे मचल मचल कर चुद रही थी.. और चुदते वक़्त उसके चेहरे के भाव ! ओह ! कितने कामुक भाव दिखा रही थी.. मैं तो ये सब सोच कर ही झड़ने को हो रहा था..

तभी घर की घंटी बजी.. और मेरे दिल का घंटा बजा.. कौन आया होगा.. कहीं दीदी का कोई यार तो नहीं?

क्या करूँ? कमरे से बाहर निकलूँ या नहीं… फिर सोचा.. अब मैं घर में हूँ तो दीदी वैसे भी कुछ करने वाली तो है नहीं, तो बाहर निकल कर ही देख लूँ कि कौन आया है। जैसे ही मैंने अपने कमरे का दरवाजा खोल कर बाहर देखा कि एक बड़ा ही खूबसूरत रईस दिखने वाला आदमी खड़ा है.. उमर होगी तकरीबन 30 साल के आस-पास.. गले में सोने की चैन, हाथ में कार की चाभी.. देखते ही लगा मानो बड़ा पैसे वाला है..

मैंने सोचा इतना पैसा वाला आदमी दीदी के घर में क्या कर रहा है !

Mastram sex story –  प्यार, इश्क़ और चुदाई

मुझे देखते ही दीदी बोली- नमस्कार भाई साहब, आप अचानक? कैसे आना हुआ? ओह, किराया लेने आए होंगे महीने पर.. अरे भाई साहब ! यह मेरे छोटा भाई है विकी ! मुझसे मिलने आया है.. और कुछ दिन यहीं रहेगा,

दीदी ने इतना सब एक साँस में बोल दिया..

मुझे क्या निप्पल चूसता बच्चा समझा था जो मैं यह ना समझ पाया कि दीदी उस आदमी को क्यों बता रही थी कि मैं कौन हूँ और कब तक रहूँगा.. मुझे अब पूरा यकीन हो चला था कि ज़रूर यहाँ भी कुछ चल रहा है..

तभी दीदी बोली- अरे विकी, नमस्ते करो भाई साहब को !

मैंने नमस्ते की और उस आदमी को शक भरी नज़र से देखने लगा.. वो मुझसे नज़र नहीं मिला रहा था..

तभी दीदी फिर से बोली- अरे विकी, ये हमारे मकान मलिक हैं.. बहुत अच्छे आदमी हैं.. तुम्हारे जीजा तो पूरे दिन नौकरी पर रहते हैं.. तो ज़रूर काम होता है तो इनको फोन कर देती हूँ ! आज भी ये शायद किराया लेने आए हैं.. है ना भाईसाहब..?

वो आदमी तुरंत दीदी की हाँ में हाँ मिला रहा था…

खैर मैं अभी इस खेल का मज़ा ले रहा था…

दीदी फिर बोली- भाई साहब आज तो पैसे है नहीं, शाम को ये आएँगे तो किराया माँग कर कल आपके घर देने आ जाऊँगी..

जैसे ही मैंने यह सुना, मेरा तो दिमाग़ खराब हो गया.. यह क्या? कल दीदी इसके घर जाएगी.. पक्का चुदेगी और मुझे देखने को भी नहीं मिलेगा.. इससे अच्छा तो यही होगा कि इसी घर में चुदे, शायद कोई उम्मीद बन जाए देखने की..



"indian sexi""indian sex storie""mastram sex story""chudai ki desi kahani"antatvasna"sasur bahu sex story""हिंदी सेक्स कहानी""mastram chudai kahani""hindi story for sex""mummy ki chudai kahani"hindisexkahaniantrawasna"sex ki kahaniya""rishton mein chudai""antarvasna hindi sex stories"anrarvasna"antervasna hindi"kamukta.com"new desi xxx""mastram sex story""desi chut chudai""indo porn""sex in group""kahani chudai ki hindi""kamukata story""hindi porn story""bhabi sex story""mastram sex story in hindi""indian bro sis sex"antarwasana"bhabhi sex stories""indian story porn""indian sex st"indian.sexकामुकता"sexi kahani""हिन्दी सेक्स कहानी"sixy"hindi erotic stories""antarvasna gand""induan sex""mastram ki hindi sexy kahaniya""hindi sex store""mast sex""hindi sex kahania""hindi sx story""desi kahania""indian sex blogs""hindi sexi katha""sex hindi history""rishton me chudai"antsrvasna"sexe stori""brother sister sex story""chudai ki kahani hindi"chudaikahani"indian sex storiez""chudai kahaniya""sex atories""सेक्स कहानी""sex story""indian wife sex stories"xstories"hindisex storey""sex with sali""kamukta hindi sex stories""jija sali sex stories""indian sex storis""incest stories in hindi""sex satori hindi""hindi sec stories""रिश्तों में चुदाई"antarwasana"jija ne choda""sex stores hinde"antarwasna.comantarwasana